आपको बता दें कि इस साल 25 जनवरी को 36 साल के प्रकाश माने ने एक बीमा पालिसी में अपना पैसा लगाया था, जिसके तहत अगर प्रकाश माने की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 25 लाख रुपये और दुर्घटनावश मृत्यु होने की स्थिति में एक्स्ट्रा 25 लाख रुपये के मिलने का प्रावधान है। प्रकाश माने ने इस पालिसी में अपनी वाइफ को बतौर नामिनी दिखाया था।
इस मामले में मुंबई पुलिस ने बताया कि बीमा लेने के केवल तीन महीने बाद प्रकाश माने की पत्नी ने बीमा कंपनी को बताया कि 6 मार्च को उसके पति प्रकाश माने की एक दुर्घटना में मौत हो गई है और इसके दस दिन बाद उसने बीमा की तय राशि मिलने का क्लेम किया। इस दौरान प्रकाश माने की पत्नी ने अपने इस झूठ को सही साबित करने के लिए पति के डेथ सर्टिफिकेट से लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट, केस डिटेल, पुलिस को दिए गए अपने और अपने देवर के बयान के सर्टिफिकेट सभी की फेक कापियां तैयार की।
इसके बाद बीमा कंपनी ने दावा किया कि वह अपने उस डिपार्टमेंट के संपर्क में लगातार बने हुए थे जो प्रकाश माने की वाइफ के द्वारा जमा कराए गए डाक्यूमेंट्स की जांच कर रहा था। कंपनी ने उस डिपार्टमेंट को डाक्यूमेंट्स की सही जांच के लिए एक खत लिखा, लेकिन जवाब आया कि सारे के सारे डॉक्यूमेंट फेक हैं। इसके बाद कंपनी ने दिंडोशी पुलिस के पास इसकी शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने भी इन सभी डोकेमटस की जांच करने के बाद इन्हें फर्जी पाया। जिसके बाद शुक्रवार को पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा आपराधिक साजिश (120-बी) धोखाधड़ी (420), जालसाजी (465), धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी (468), कूटरचित दस्तावेज (471) और अपराध का प्रयास करने (511) का केस दर्ज किया गया है।