बच्चू कडू ने कहा कि सत्ता गई भाड़ में, बीते 20 साल में मेरे ऊपर 350 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इन सबके साथ मैं महाराष्ट्र में जनता के बीच जा रहा हूं। बाकी नेता अपने कार्यकर्ताओं से जाकर लड़ने के लिए कहते हैं लेकिन मैं खुद मैदान में उतरता हूं। मुझमें और बाकी के नेताओं में यही फर्क है। कोई कुछ भी बोलेगा, यह बिल्कुल नहीं चलेगा। पहली गलती है इसलिए माफ कर रहा हूं। फिलहाल महाराष्ट्र के अमरावती जिले के यह दोनों विधायक राज्य की सियासत में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
बता दें कि बीते दिनों इन दोनों नेताओं के बीच में जमकर जुबानी जंग देखने को मिली। दरअसल रवि राणा ने बच्चू कडू पर 50 करोड़ लेकर बीजेपी को सपोर्ट करने का आरोप लगाया था। इस आरोप से नाराज होकर उन्हें शिंदे सरकार को चेतावनी भी दी थी। बच्चू कडू ने कहा कि हम यूं ही गुवाहाटी नहीं गए थे। एक किस्सा सुनाते हुए कडू ने कहा कि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर भी साल 1938 में कांग्रेस को एक जलता हुआ घर कहा था लेकिन बाबा साहेब की बातों में उस समय कुछ तथ्य थे। हम जिन वंचित लोगों के पास तक सत्ता लाने के लिए लड़ाई लड़ते हैं। इसलिए बाबा साहेब भी कांग्रेस के साथ गए और देश को संविधान देकर इतिहास में अमर हो गए।
कौन हैं बच्चू कडू: बता दें कि महाराष्ट्र की विधानसभा में 288 विधायक हैं। इन्हीं में से एक ओमप्रकाश बाबाराव कडू उर्फ बच्चू कडू हैं। विदर्भ के अमरावती जिले की अचलापुर विधानसभा सीट से बच्चू कडू लगातार चौथी बार निर्दलीय विधायक हैं। बच्चू कडू उद्धव ठाकरे की सरकार में जलसंपदा, स्कूली शिक्षा, श्रम, महिला और बाल कल्याण तथा मुक्त घुमंतू जाति जनजाति कल्याण, इन पांच-पांच मंत्रालयों के राज्य मंत्री रहे हैं। इसके बाद एकनाथ शिंदे की बगावत के दौरान वह शिंदे गुट के साथ हो गए।
आम लोगों के बीच बच्चू कडू जितने लोकप्रिय हैं, उतने ही अधिकारियों से हाथापाई, मारपीट, बदसलूकी के लिए बदनाम भी हैं। अब तक बच्चू कडू लगभग 70-75 हजार लोगों को फ्री इलाज मुहैया करा चुके हैं। खुद सैकड़ों बार रक्तदान कर चुके हैं। लोगों को समय पर इलाज मुहैया कराने के लिए उनके चुनाव क्षेत्र में एम्बुलेंस की व्यवस्था होना जरूरी है। बच्चू कडू ने बिना ब्याज के लोन पर एक कार खरीदी। फिर उसे बेच कर एम्बुलेंस खरीद ली और उसका लोकार्पण कर दिया।