जानकारी के मुताबिक, शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर अगले कुछ दिनों में फैसला सुना सकते है। ऐसे में अगर अगर दल बदल कानून (Anti-Defection Law) और संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत एकनाथ शिंदे समेत 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाता है, तो शिंदे-फडणवीस सरकार को बड़ा झटका लगेगा। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी ऐसी स्थिति के लिए भी रणनीति तैयार कर रही है। जिससे हर हालत में महाराष्ट्र की सत्ता हाथ में रहे।
खबर है कि सीएम के अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में अनावश्यक राजनीतिक अस्थिरता पैदा होने से पहले ही बीजेपी किसी और को मुख्यमंत्री की कमान सौंप देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर एकनाथ शिंदे को अयोग्य घोषित किया जाता है, तो मौजूदा उपमुख्यमंत्री अजित पवार को प्रमोट कर सियाम बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री के रूप में बीजेपी की अगली पहली पसंद एनसीपी के दिग्गज नेता अजित पवार ही होंगे।
इसके अलावा बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नाम पर भी चर्चा चल रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए अजित पवार का नाम सबसे उपर है।
कहा जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद ही बीजेपी अपने पत्ते खोलेगी। तब तक के लिए प्लान-बी पर पूरा फोकस किया जा रहा है। इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले हफ़्तों में महाराष्ट्र में बड़ी राजनीतिक घटनाएं घटेंगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अगर एकनाथ शिंदे को अयोग्यता के कारण सीएम पद से हटना पड़ा तो बीजेपी उनकों कैसे री-लॉन्च करेगी।
मालूम हो कि पिछले साल जून महीने में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था, जिस वजह से महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। तब शिवसेना (उद्धव गुट) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए सीएम शिंदे समेत 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की स्पीकर से मांग की थी। हालांकि कई महीनों तक सुनवाई नहीं होने पर उद्धव गुट ने कोर्ट का रुख किया। अपनी याचिका में उद्धव गुट ने विधानसभा अध्यक्ष पर निष्क्रियता और पक्षपात करने का आरोप लगाया।