म्हाडा अध्यक्ष उदय सामंत के अनुसार के नेतृत्व में पुनर्विकास के लिए नीतिगत निर्णयों के संबंध में म्हाडा प्राधिकरण के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है। समिति को यह तय करने का अधिकार होगा कि ट्रांजिट कैंप के लिए निवासियों को कितना किराया मिलेगा, धनराशि का कितना भुगतान करना होगा, पुनर्विकास के लिए दिशा-निर्देश बनाने होंगे और पुनर्विकास के दौरान निवासियों को कौन सी सुविधाएं दी जाएंगी। पर्याप्त जगह न होने के चलते म्हाडा के पास घर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए म्हाडा अब घरों के भविष्य के लिए पुनर्विकास (डेवलपर) की भूमिका में आ रही है।
15 प्रतिशत अधिक कारपेट एरिया मिलेगा
महामुंबई स्थित गोरेगांव में 128 एकड़ जमीन पर फैले मोतीलाल नगर में 225 वर्ग फीट क्षेत्र में 3,628 घर हैं। हालांकि कुछ वर्ष पूर्व एचडीआईएल की ओर से म्हाडा को मोतीलाल नगर में एक हजार 561 घर और 14 हजार 980 घर विरार में देने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि अब इस क्षेत्र में म्हाडा ही पुनर्विकास करेगी, जिसमें नए नियम के तहत अब लोगों को 15 प्रतिशत अधिक कारपेट एरिया के क्षेत्रफल वाले घर उपलब्ध होंगे।
वहीं म्हाडा बोर्ड अध्यक्ष मधु चव्हाण की मानें तो मोतीलाल नगर और विक्रोली कन्नमवार नगर के निवासियों ने म्हाडा को पुनर्विकास के लिए एक प्रस्ताव दिया है। वहीं देखा गया है कि अधिकतर निजी डेवलपर्स निवासियों से बड़े-बड़े झूठे वादे करते हैं, जिसके चलते परियोजना कई वर्षों तक पूरी ही नहीं हो पाती है। इसलिए अब म्हाडा ऐसी कॉलोनियों का पुनर्विकास करेगी और लोगों को समय पर घर उपलब्ध कराएगी।