बीजेपी की पहली सूची में कई नाम हैरान करने वाले भी है। लेकिन जिस बात ने सभी को ज्यादा हैरान किया वह था 48 लोकसभा सीटों वालें महाराष्ट्र से किसी भी उम्मीदवार का नाम नहीं होना। बीजेपी ने महाराष्ट्र की 48 में से 45 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में सबसे अधिक 48 लोकसभा सीटें हैं। वहीँ, उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 51 प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। कहा जाता है कि बीजेपी ने तीसरी बार मोदी सरकार का सपना पूरा करने के लिए इन दोनों राज्यों के लिए खास रणनीति बनायीं है।
बदल गए सियासी समीकरण
बीजेपी ने 2019 में अविभाजित शिवसेना के साथ मिलकर राज्य की 48 में से 41 सीट पर जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार शिवसेना और एनसीपी दोनों दल दो धड़ों में बंट चुके है और उनका एक-एक गुट अधिकांश विधायकों के साथ बीजेपी के साथ खड़ा है। दोनों दलों के विभाजन के बाद बदले समीकरण के कारण ही सीटों का बंटवारा करना मुश्किल हो गया है। लोकसभा सीटों के बंटवारे पर विपक्ष का भी यही हाल है और महीनेभर से जारी मंथन का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है।
महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा की जा रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के शीर्ष स्तर पर सीट बंटवारें का फार्मूला बनाया जा रहा है। निश्चित रूप से बीजेपी पिछली बार की तुलना में अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
BJP से साथियों को ज्यादा की उम्मीद.. रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजेपी 30 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। जबकि अजित पवार की एनसीपी ने 10 सीटें मांगी हैं। लेकिन बीजेपी उन्हें चार सीटें ऑफर कर रही है। वहीँ, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 18 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
एनसीपी के प्रवक्ता अमोल मिटकारी ने कहा कि उनकी अजित दादा की पार्टी पुणे की बारामती सहित 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार) में भी खींचतान की खबर है। मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी अजित पवार गुट शामिल हैं।
शिवसेना-एनसीपी का विभाजन
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन में अविभाजित शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें बीजेपी को 23 और शिवसेना को 18 सीटों पर कामयाबी मिली।
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में 2019 के बाद से कई बार राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली है। 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मुख्यमंती पद को लेकर खींचतान के बाद बीजेपी के साथ अपना दो दशक से ज्यादा पुराना गठबंधन तोड़ दिया। फिर शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मिलकर महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन बनाया और राज्य में सत्ता स्थापित की। लेकिन दो साल पहले एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना में बगावत हुई और एमवीए सरकार गिर गई। फिर 30 जून 2022 में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना गुट ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनायीं। पिछले साथ अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी भी दो खेमों में बंट गई। 2 जुलाई 2023 को अजित दादा ने अचानक उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली और शिंदे सरकार में शामिल हो गए।