scriptजीएसटी के बाद ईरान के इस फैसले से पीतल उद्योग की चमक को खतरा | Iran baned brass itmes for economy issue | Patrika News
मुरादाबाद

जीएसटी के बाद ईरान के इस फैसले से पीतल उद्योग की चमक को खतरा

ईरान ने पीतल के आइटम पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। इसके बाद स्थानीय निर्यातकों और पीतल कारोबारियों के होश उड़ गए हैं।

मुरादाबादJun 29, 2018 / 10:24 am

jai prakash

moradabad

ईरान के इस फैसले से पीतल उद्योग की चमक को खतरा

मुरादाबाद: नोटबंदी-जीएसटी के बाद मंदी की मार से जूझ रहे मुरादाबाद के पीतल उद्योग को एक और झटका लगा है। जिसमें उसके लिए एक बड़ा बाजार वाले देश ईरान ने पीतल के आइटम पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। इसके बाद स्थानीय निर्यातकों और पीतल कारोबारियों के होश उड़ गए हैं। ईरान ने जिन 1339 उत्पादों पर प्रतिबन्ध लगाया है उसमें मुरादाबाद में बने पीतल और कांच के हैंडी क्राफ्ट के आइटम भी शामिल हैं। निर्यातकों ने भारत सरकार से इस मामले में दखल देने की सिफारिश की है।

जब बार में 6 बीयर पीकर टल्ली हुई महिला ने उतार दिए अपने सारे कपड़े और फिर…

इस वजह से लगा प्रतिबन्ध

पीतलनगरी के नाम से पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाले मुरादाबाद के पीतल उधोग के बुरे दिन थमने का नाम नहीं ले रहे है। लगातार आर्थिक मंदी से जूझ रहे पीतल कारोबार को अब ईरान ने बड़ा झटका दिया है। परमाणु प्रसार कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के चलते अमेरिका सहित कई देशों ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए तो ईरानी मुद्रा रियाल में गिरावट दर्ज की गई। रियाल को स्थिर रखने के लिए ईरान ने भारत से आयात किये जाने वाले तेरह सौ से अधिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया जिसके चलते अकेले पीतल कारोबार को ही पांच सौ करोड़ रुपये की चपत लगी है। ईरान से मिले पुराने ऑर्डर बनकर तैयार है लेकिन अब बॉयर उनको लेने के लिए तैयार नहीं है। निर्यातकों का ईरान भेजा गया तैयार सामान बंदरगाहों पर फंसा हुआ है और जो ऑर्डर भेजे गए है उनकी पेमेंट अधर में लटकी हुई है।

राशिफल 29 जून 2018 आज इन राशि वालाें काे कमजाेर दुश्मन से सावधान रहने की है जरूरत, जानिए क्या कहते हैं आज आपके सितारे

इतने उत्पादों पर लग गया प्रतिबन्ध

मुरादाबाद के बड़े निर्यातकों में शामिल सतपाल सिंह पिछले कई दिनों से अपने ईरानी बॉयर को ऑर्डर कन्फर्म करने के मैसेज भेज रहे है। लेकिन बॉयर सतपाल के भेजे संदेशों पर कोई जबाब नहीं दे रहा। अकेले सतपाल ही नहीं दर्जनों निर्यातक ईरानी बॉयरो से सम्पर्क करने की कोशिश में लगे है। लेकिन आर्थिक प्रतिबंध के बाद ईरानी मुद्रा रियाल की खराब हालत के चलते बॉयर अब पुराने बुक किये गए ऑर्डर लेने से बच रहे है। अंतराष्ट्रीय मार्केट में रियाल की कीमत एक डॉलर के मुकाबले 9000 तक पहुंच गई है। जबकि प्रतिबंध से पहले यह कीमत 4000 के आस-पास थी। रियाल की कीमत में गिरावट के बाद ईरान ने भारत से आयात होने वाले 1339 उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसमें पीतल के सजावटी आइटम और अन्य पीतल उत्पाद भी शामिल है। ईरान के प्रतिबंध के बाद पीतल उधोग को पांच सौ करोड़ का नुकसांन हुआ है क्योंकि ईरान पीतल उत्पादों का सबसे बड़ा बाजार था।

कचरे के ढ़ेर पर यूपी का ये शहर, कूड़ा डंप करने के लिए नहीं मिल रही कोई जमीन

एक्सपोर्टर के साथ कारीगरों के भविष्य पर संकट

पीतल के बड़े एक्सपोर्टरों के लिए मुश्किल कम है लेकिन छोटे एक्सपोर्टर और मर्चेंट एक्सपोर्टरों के लिए ईरानी संकट किसी बर्बादी से कम नहीं है। कई एक्सपोर्टर बिना पेमेंट के अपना ऑर्डर भेज चुके है जो अब बंदरगाहों पर कस्टम क्लियरेंस के लिए अटका हुआ है। क्लियरेंस मिलने के बाद भी ऑर्डर ईरान नहीं पहुंच पाएगा और उसको वापस लेना निर्यातकों की मजबूरी बन गया है। एक्सपोर्टरों के सामने असल दिक्क्क्त कारीगरों के पेमेंट की भी है। जब तैयार उत्पादों की डिलीवरी नहीं हो पा रही है तो पेमेंट का सवाल ही नहीं लेकिन कारीगर उत्पाद तैयार करने की अपनी मजदूरी लेने के लिए हर रोज एक्सपोर्टरों के घर के चक्कर लगा रहे है।

 

अगले दो दिन में नहीं किया यह काम, तो यूपी के इस जिले में 50 फीसदी परिवारों को नहीं मिल पाएगा राशन

पीतल कारीगर हो गए बेरोजगार

मुरादाबाद कारखानेदार ऐसोशिएसन से जुड़े आजम अंसारी के मुताबिक ईरान के प्रतिबंध का सबसे बड़ा असर पीतल कारीगरों पर हुआ है। जिनके पास अब कोई ऑर्डर ना होने की वजह से बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है। आजम अंसारी के मुताबिक ज्यादातर निर्यातक अपने ऑर्डर स्थानीय कारीगरों से तैयार करवाते है लेकिन अब ऑर्डर नहीं मिल रहे तो कारीगर भी खाली हाथ बैठे है। मुश्किलें उन कारीगरों की ज्यादा है जो सिर्फ पीतल उत्पाद तैयार करते है क्योंकि ईरान में ही शुद्ध पीतल उत्पाद निर्यात किये जाते थे।

यूपी के इस जिले में 5 महीने में ताबड़तोड़ एनकाउंटर के बाद 3834 बदमाश गिरफ्तार, 199 ने किया सरेंडर

सरकार से आखिरी उम्मीद

2008 में दुनिया में आई आर्थिक मंदी के बाद बदहाल हुए पीतल कारोबार के लिए यह संकट किसी त्रासदी से कम नहीं है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए की सरकार आगे आकर कोई रास्ता निकाले और संजीवनी तलाश रहा पीतल उधोग अपने पुराने स्वरूप में लौटकर दुनिया मे अपनी चमक बिखेरता रहें।

 

Hindi News / Moradabad / जीएसटी के बाद ईरान के इस फैसले से पीतल उद्योग की चमक को खतरा

ट्रेंडिंग वीडियो