मजार पर मुख्यमंत्री योगी टोपी पहनने से मना कर देने पर आजम खान ने तंज कसते हुए कहा कि हज और उमरे पर टोपी नहीं पहनी जाती। इसलिए योगी की नियत ये होगी कि वो हज ओर उमरा कर रहे है। ये जबरदस्ती टोपी उड़ाने की बात ही सही नहीं है। उन्होंने कहा कि संत कबीर दास के मजार पर टोपी पहनकर जाना कोई तुक की बात नहीं है। वो धार्मिक संत नहीं थे। वो सिर्फ अच्छे कवि थी।
इस दौरान आजम खान ने कबीरदास की लिखी कृतियों को लेकर कहा कि उनके अंदर बेपनाह सलायते थी कोई डिग्री नहीं थी हलाकि कुछ बातें उन्होंने बड़ी मालूमाती कही हैं। आजम खान ने कहा कि कबीर दास ने कहा है कि तेरा अल्लाह बेहरा है की तू बांग दे रहा है तो उन्हें ये मालूम नहीं है के अज़ान बहरों के लिए नहीं है। ना बहरे अल्लाह के लिए है नाउज़बिल्लाह बल्कि अज़ान लोगोंसे लोगों को संदेश दिया जाता है कि नमाज़ की तरफ आओ, मस्जिद आओ अल्लाह की तरफ आओ।लेकिन उन्हें शाद मालूम नहीं था क्यूंकि अब उन्होंने कुरान पढ़ा नहीं था।