मंत्रिमंडल से दिया था त्यागपत्र भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नवोजत सिंह सिद्धू को पर्टी ने पूरा सम्मान दिया। उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह से उनके मतभेद लगातार बढ़ते गए। तल्खी सार्वजनिक होने लगी। स्वयं को उपेक्षित मानकर उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दे दिया। सिद्धू ने ट्वीट करके त्यागपत्र की जानकारी खुद दी।
एक साल बाद मंच साझा किया इसके साथ ही सिद्धू ने स्वयं को निष्क्रिय कर लिया था। कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहे थे। एक साल बाद पहला मौका है जब उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ मंच साझा किया। किसानों की बात कही। कांग्रेसियों को भी लग रहा है कि अब ठीक है। इसका कारण यह है कि सिद्धू की भाषण शैली सबसे अलग है। वे अपनी बातों से जनता को बांधे रखते हैं। मोगा की रैली में उन्होंने कहा भी कि दिल्ली के ताज गिराए जाएंगे।