रियो ग्रांडे डो सुल में इस नजारे को कैमरे में कैद कर लिया गया। इस पर शोधकर्ता शोध कर रहे हैं। ब्राजील के उल्कापिंड ऑब्जर्वेशन नेटवर्क (BRAMON) के अनुसार एक छोटा उल्कापिंड वायुमंडल से 17 किमी प्रतिसेकंड की स्पीड से जा टकराया।
आर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध विराम को राजी, Russia ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका अंतरराष्ट्रीय उल्कापिंड संगठन (IMO) का कहना है कि एक चमकीला आग का गोला ब्राजील के ऊपर से गुजरा। ये छह सेकंड का उल्कापिंड करीब 40 लोगों ने देखा। BRAMON के अनुसार इससे रात के वक्त दिन जैसी रोशनी पैदा हो गई। यह आग का गोला उत्तर की ओर 17 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से आया। 22 किमी की ऊंचाई पर इस उल्कापिंड को पहली बार कैमरे में किया गया।
किस तरह से टूटता है उल्कापिंड? उल्कापिंड यानि स्पेस की चट्टान इसे ऐस्टरॉइड कहते हैं का हिस्सा है। जब ऐस्टरॉइड टूटता तो उनका छोटा सा टुकड़ा अलग होकर जाता है जिसे उल्कापिंड यानी meteroid कहते हैं। जब ये उल्कापिंड धरती के करीब पहुंचता है तो वायुमंडल के संपर्क में आता है और ये जल जलने लगता है। इसके बाद देखने को वालों को एक रोशनी दिखाई देती है। ये Shooting Star यानी टूटते तारे की तरह लगते हैं लेकिन ये वाकई में तारे नहीं होते। इन्हें Meteor कहा जाता है। ढेर सारे उल्कापिंडों की बरसात को Meteor Shower कहा जाता है।