मिसाइल नष्ट किए जाने के बाद भी टुकड़े गिरने का खतरा
मिसाइल को नष्ट किए जाने के बाद भी, उसके मलबे के टुकड़े गिरने का खतरा रहता है। एक बड़ा मलबा बीत शेमेश शहर के रमात बीत शेमेश अलेफ इलाके में गिरा, लेकिन इस घटना में कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। स्थानीय निवासियों ने मलबे के पास इकट्ठा होकर उसे देखा, जबकि पुलिस ने भीड़ को काबू करने की कोशिश की। इस हमले में एक महिला की हल्की चोटें आईं, जो शरण लेने के दौरान एक वाहन की चपेट में आ गई थी।
इज़राइल पर 200 से अधिक मिसाइलों और 170 से ज्यादा ड्रोन हमले
हमले की जिम्मेदारी यमन के हूती समूह (Houthi group)ने ली है, जो इजराइल के खिलाफ अपने हमलों को बढ़ाने की धमकी दे रहा है। पिछले एक साल में इस समूह ने इज़राइल पर 200 से अधिक मिसाइलों और 170 से ज्यादा ड्रोन हमले किए हैं, जिनमें से अधिकतर को इजरायल की रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया। हूती समूह, जो ईरान का समर्थक है, ने कहा कि वह गाजा युद्ध तक इन हमलों को जारी रखेगा
इज़राइल और यमन तनाव का कारण
इज़राइल और यमन विवाद मुख्य रूप से यमन के हूती विद्रोही समूह द्वारा इज़राइल पर किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों से संबंधित है। यह विवाद एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष का हिस्सा है, जिसमें यमन के हूती विद्रोही, जो ईरान के समर्थक माने जाते हैं, वे इज़राइल को अपने दुश्मन मानते हैं और उसे नष्ट करने का लक्ष्य रखते हैं।
इज़राइल की सुरक्षा स्थिति में चुनौती
हूती समूह ने पिछले कुछ वर्षों में इज़राइल पर 200 से अधिक मिसाइलें और 170 से ज्यादा ड्रोन हमले किए हैं। हालांकि इज़राइल की रक्षा प्रणाली, जैसे “एरो” और “Iron Dome”, ने अधिकतर हमलों को नाकाम कर दिया है, लेकिन ये हमले लगातार हो रहे हैं। इन हमलों के कारण इज़राइल की सुरक्षा स्थिति में चुनौती आ रही है और देश की एयरस्पेस व महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर पर खतरा बढ़ रहा है।
गाजा युद्ध में इज़राइल के खिलाफ रणनीति का समर्थन
इस विवाद में एक और महत्वपूर्ण तत्व यह है कि हूती समूह गाजा युद्ध में इज़राइल के खिलाफ अपनी रणनीति का समर्थन करता है। यह संघर्ष मध्य पूर्व में हो रहे कई अन्य युद्धों से जुड़ा हुआ है, जिनमें ईरान और इसके समर्थक समूह शामिल हैं। इज़राइल और यमन के बीच सीधे सैन्य संघर्ष का कोई बड़ा इतिहास नहीं है, लेकिन हूथी विद्रोहियों की गतिविधियों के कारण इस विवाद ने इज़राइल के लिए सुरक्षा चुनौती पैदा कर दी है।