वहीं, रोचक बात यह भी है कि चांद पर कुछ पैरों के निशान भी पाए गए हैं। हालांकि इसका खुलासा इसरो के मिशन चंद्रयान-2 से पहले ही हो चुका था।
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चांद की सतह पर इंसानी पैरों ये निशान अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अपोलो 11 मिशन से जुड़े हैं। दरअसल, अपोलो 11 के मिशन पर रवाना हुए नील आर्मस्ट्रॉन्ग, माइकल कॉलिन्स और बज एल्ड्रिन ने 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग की थी।
इस मिशन पर ही चांद पर पहला कदम रख नील आर्मस्ट्रांग मून पर पहुंचने वाले दुनिया के पहले इंसान बन गए।
जबकि नील के बज एल्ड्रिन ने भी चांद की सतह पर अपना पैर रखा।
जबकि बज एल्ड्रिन चंद्रमा पर कदम रखने वाली दूसरे इंसान बने थे। यही नहीं इन दोनों अलावा पर चांद पर 10 अन्य अंतरिक्ष यात्री भी पहुंच चुके हैं।
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चांद पर पहुंचने वाले लोग—
– नील आर्मस्ट्रॉन्ग
– माइकल कॉलिन्स
– बज एल्ड्रिन
– पेटो कॉनराड
– एलन बीन
– एलन शेपर्ड
– अडगर मिशेल
– डेविड स्कॉट
– जेम्स इरविन
– जॉन यंग
– चाल्र्स डयूक
– यूजीन सेरनन
– हैरिसन श्मिट
वैज्ञानिकों की मानें तो चांद पर कदम रखने वाले इन अंतरिक्ष यात्रियों ने वहां अपने कदम के निशान छोड़े हैं, जो आज भी मौजूद हैं।