जज रूथ बेडर गिंस्बर्ग ने अमरीकी सुप्रीम कोर्ट में 27 साल तक अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने अपने जीवन को महिलाओ के अधिकारों को लड़ने में लगा दिया। रूथ बेडर गिंस्बर्ग की मृत्यु ऐसे समय पर हुई है जब अमरीकी में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। अमरीकी कोर्ट ने कहा कि 87 साल की गिंस्बर्ग काफी समय से कैंसर से लड़ रहीं थीं।
1999 में उन्हें पहली बार कैंसर का पता चला था। इस दौरान उन्हें कई समस्या का सामना करा पड़ा था। 75 वर्ष की आयु में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद वे पांच बार मौत में मुंह में बाहर निकलीं। मगर इस बार वह बच नहीं सकीं। गिंस्कबर्ग मशहूर जजों में गिनी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह मुकदमें की तह तक जाती थीं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों को लेकर लंबी जंग लड़ी है।
उनकी पोती ने इच्छा जाहिर की है कि जब तक देश में नए राष्ट्रपति का चयन नहीं हो जाता है तब उनकी जगह नहीं भरी जाए। उन्होंने बताया कि गिंस्कबर्ग की भी यही आखिरी इच्छा थी। अमरीकी के चीफ जस्टिस ने एक बयान में कहा कि देश ने कानून के एक बड़े जानकार को खो दिया है। गिंस्कबर्ग सुप्रीम कोर्ट में उनकी सहकर्मी भी थीं। आज वे दुखी हैं कि एक वरिष्ठ जज इस दुनिया में नहीं है। रूथ बेडर को न्याय की एक दिग्गज के रूप में याद रखा जाएगा।
आपकों को बता दें कि साल 1993 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने जज रूथ बेडर को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति दी थी। वे कोर्ट में महिला अधिकार आंदोलन की पैरोकार के रूप में जानी जातीं थीं। वह अमरीका में संविधान में समान अधिकार संशोधन की समर्थक रहीं हैं।