सर्दियों में भारत में ज्यादा खतरनाक हो जाएगा Coronavirus: डॉ. हर्षवर्धन
सर्दियों के दौरान भारत में कोरोना वायरस ( Coronavirus in winters ) के मामलों में होगी बढ़ोतरी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा ठंड में श्वसन संबंधी मामले बढ़ते हैं।
दिल्ली में रोजाना 15 हजार कोरोना वायरस मामले आने की संभावना।
Will Coronavirus cases in India increas during winter? MoHFW Dr. Harsh Vardhan answers
नई दिल्ली। कई रिपोर्टों में यह संकेत मिलता है कि सर्दियों के दौरान कोरोना वायरस ( Coronavirus in winters ) के मामलों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन क्या यह बात सही है, के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को पुष्टि की कि भारत के संदर्भ में इसकी संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा, “एक और तथ्य है जिसे ध्यान में रखना आवश्यक है। सर्दियों के दौरान आवासों में भीड़भाड़ बढ़ जाती है, जो संचरण को बढ़ा सकती है। इसलिए भारतीय संदर्भ में यह मानना गलत नहीं होगा कि सर्दियों के मौसम में मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा सकती है।”
स्वास्थ्य मंत्री ने यूरोपीय देशों, विशेषकर यूनाइटेड किंगडम के उदाहरणों का भी हवाला दिया, जहां सर्दियों के आगमन के साथ संक्रमण की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा, “इसलिए, हम एहतियाती उपायों पर जोर दे रहे हैं जिनका पालन करना आसान है। डरने और कांपने की जरूरत नहीं है। मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए रखें। रोकथाम इलाज से बेहतर है।”
जुलाई 2021 तक भी COVID-19 Vaccine पूरे देश को नहीं मिल पाएगी! स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा का है यह मतलब यूनाइटेड किंगडम के चिकित्सा विज्ञान अकादमी द्वारा की गई मॉडलिंग के अनुसार, सर्दी बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इसने जनवरी/फरवरी 2021 में अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु होने की संख्या बढ़ने की भविष्यवाणी की है। वहीं, रोग नियंत्रण के राष्ट्रीय केंद्र (एनसीडीसी) हाल ही में चेतावनी दी है सर्दियों में दिल्ली में रोजाना लगभग 15,000 कोरोना मामले सामने आने की संभावना है।
दिल्ली के लिए कोविड-19 की संशोधित रणनीति संबंधी दस्तावेज में एनसीडीसी ने कहा, “सर्दी के महीने सांस की बीमारियों को गंभीर बनाते हैं। बड़ी संख्या में दिल्ली के बाहर से मरीज आ सकते हैं। दूर के इलाकों से आने वाले मरीजों के अधिक गंभीर होने की संभावना है। इसके अलावा त्योहार-संबंधी समारोहों के साथ मामलों में अचानक वृद्धि हो सकती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि दिल्ली को लगभग रोजाना करीब 15,000 पॉजिटिव केस में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए और मध्यम व गंभीर बीमारी वाले मरीजों के के प्रवेश की व्यवस्था करना चाहिए, जो मोटे तौर पर इस बढ़ोतरी का 20 फीसदी हैं।”