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आपको बता दें कि बाबरी केस में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रोहिंटन फली नरीमन, नवीन सिन्हा और इंदिरा बनर्जी की तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही थी। इस दौरान पीठ ने कहा कि सुरेंद्र कुमार यादव की रिपोर्ट को पढ़ने के बाद, विशेष न्यायाधीश ने परखा है। इसके साथ ही यह देखते हुए कि कार्यवाही अंतिम छोर पर है, हम एक महीने का समय देते हैं। इसका मतलब है कि फैसला सुनाने सहित कार्यवाही को पूरा करने के लिए अब 30 सितंबर 2020 तक का समय दिया गया है।
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गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं जिनमें अपने दौर के बड़े नेता और भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व मंत्री उमा भारती शामिल हैं। इन समेत 13 अन्य को दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के आरोप में मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है। आईएएनएस के अनुसार अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर अपील की अनुमति देकर आडवाणी, जोशी, उमा भारती और 13 अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ साजिश के आरोपों को बहाल किया था।