वायनाड में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करती पुलिस की तस्वीरें सामने आने के बाद हंगामा मच गया है। विपक्षी दलों ने सरकार की जमकर आलोचन की है।
एआईएमआईएम नेता ने सरकार को दी धमकी, मस्जिदें नहीं खुलीं तो उठाएंगे ये कदम नीट-जेईई एग्जाम के विरोध के बीच बीजेपी सांसद ने छात्रों की तुलना द्रौपदी से कर डाली, जानें खुद को क्या बताया केरल में सोना तस्करी का मामला लगाता तूल पकड़ रहा है। लेकिन मंगलवार को सचिवालय में लगी आग के बाद इस मामले में एक बार फिर बवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल सचिवालय में लगी आग के चलते ये आशंका जताई जा रही है कि कहीं ना कहीं किसी सबूत को मिटाने के लिए ये आग लगाई गई है।
यही वजह है कि यूथ कांग्रेस ने शुक्रवार को सोना तस्करी मामले में वायनाड में जमकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं को भगाने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला और फिर दना दन लाठियां बरसाना शुरू कर दीं।
पुलिस की लाठीचार्ज का वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में आसानी से देखा जा सकता है किस तरह पुलिसकर्मी यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लाठियां भांज रहे हैं। 26 आरोपियों को ठहराया जा चुका दोषी
आपको बता दें कि केरल सोना तस्करी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने यह गिरफ्तारियां 24 अगस्त को की थीं। इस मामले में अभी तक एनआईए 26 आरोपियों को दोषी ठहरा चुकी है, जिनमें से 20 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ये है मामला
यह पूरा मामला केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के पते वाले डिप्लोमैटिक कार्गो से 30 किलो सोना मिलने का है। इसमें दावा किया गया था कि कार्गो के संबंध में स्वप्ना सुरेश ने एयरपोर्ट के अधिकारी से संपर्क साधा था। यूएई वाणिज्य दूतावास जनरल ऑफिस के उच्च कूटनीतिज्ञ राशिद खामिस अल शामली के कहने पर कथित तौर पर संपर्क किया गया था। तस्करी किए गए सोने की कीमत 15 करोड़ रुपये बताई गई है।
खास बात यह है कि ये सोना कार्गो में बिस्किट, नूडल्स और बाथरूम के सामान के साथ रखा गया था। कस्टम को तस्करी को लेकर पहले से सूचना मिल चुकी थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने स्वप्ना सुरेश, फाजिल फरीद और संदीप नायर को इस मामले में आरोपी बनाया है। तीनों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।