अभिनेता जय प्रकाश रेड्डी को कार्डियक की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। मंगलवार को आंध्र प्रदेश के गुंटुर में अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
घमासान जारी, 9 नेताओं ने Sonia Gandhi से की परिवारवाद को भूल कांग्रेसवाद को आगे बढ़ाने की बात जेपी रेड्डी के निधन से दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हुआ है। उनके निधन के बाद से फिल्म जगत के लोगों द्वारा शोक व्यक्त करने का सिलसिला जारी है।
खलनायक से कॉमेडियन बने जय प्रकाश रेड्डी को 1988 में वेंकटेश की फिल्म ‘ब्रह्मा पुत्रुद्दु’ में अभिनय करने का पहली बार मौका मिला था। उसके बाद रेड्डी टॉलीवुड में लगातार काम करते रहे, लेकिन उन्हें यादगार भूमिका करने का अवसर 10 साल बाद नंदामुरी बालकृष्ण की 1999 में आई फ़िल्म समरसिम्हा रेड्डी से मिला।
एंटी रैलासेमा-स्लैंग बोलने वाले रेड्डी को विलेन की भूमिका ने हर घर में पहचान दिलाई। समरसिम्हा रेड्डी के बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
Yuvraj Singh बिग बैश लीग में धूम मचाने को तैयार, सीए उनके लिए ढूंढ रहा है क्लब उनकी खासियत यह थी कि तेलुगु स्लैंग बनी किसी भी फिल्म में बिना किसी प्रयास के वो फटाफट बोल लेते थे। इस खासियत की वजह से वह एक दौर में तेलुगु सिनेमा में खलनायक की भूमिका निभाने वाले सबसे अधिक मांग वाले अभिनेता बन गए। बाद में वो कॉमेडियन की भूमिका में भी काफी लोकप्रिय हुए। 2008 की रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म ‘रेडी’ के लिए वो अपनी यादगार भूमिका के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।
तमिल फिल्म आरू, अंजनेया, नरसिम्हा नायडू, आनंदम, निजाम, कबड्डी- कबड्डी, चिन्ना, धरमपुरी, किंग, किक, बिंदास, गब्बर सिंह, लीजेंड, ब्रूस ली : द फाइटर, नेनू राजू नेनू मंत्री और लवर्स में यादगार भूमिका को लोगों ने काफी पसंद किया।
आज से ब्लू और पिंक लाइन पर दौड़ी Delhi Metro, 28 में से 9 मेट्रो स्टेशन पर मिलेगी इंटरचेंज की सुविधा बता दें कि जय प्रकाश रेड्डी अपने पीछे पत्नी राधा और दो बेटे निरांजुन और दुष्यंत को छोड़ गए हैं। उन्होंने अपने सिल्वर स्क्रीन की शुरुआत 40 की उम्र में की थी।