बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( President
Donald Trump ) इस दवा को COVID-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में संभावित गेम चेंजर ( Game Changer ) मानते हैं। अप्रैल में उन्होंने भारत से इस दवा की मांग की थी। भारत ने अप्रैल में इनमें से कुछ प्रतिबंधों को कम कर दिया और उस महीने संयुक्त राज्य अमेरिका को दवा की 50 मिलियन गोलियां भेजी थी।
सदानंद गौड़ा ने कहा कि निर्यात आधारित इकाइयों और विशेष आर्थिक क्षेत्रों को छोड़कर निर्माताओं को अपने उत्पादन का 20% घरेलू बाजार में आपूर्ति करना होगा।
जन्मदिन पर रांची पहुंचकर लालू से मिले तेजस्वी, बिहार के लोगों के नाम जारी किया इमोशनल लेटर इससे पहले भारत ने कुछ अपवादों की वजह से 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी ( Export Ban ) लगाई थी। कुछ तबकों में यह राय थी कि इस दवा का उपयोग कोरोना वायरस (
coronavirus ) के इलाज में किया जा सकता है। चार अप्रैल को इसके निर्यात पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई थी।
उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय को इस बारे में औपचारिक अधिसूचना जारी करने का भी निर्देश दिया है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने पिछले हफ्ते COVID-19 रोगियों के इलाज में दवा के उपयोगिता बेकार साबित होने पर एक बड़े परीक्षण को रोक दिया। एक लैंसेट मेडिकल जर्नल अध्ययन में पाया गया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन ने COVID-19 रोगियों में मृत्यु के जोखिम को बढ़ा दिया है। लेकिन जर्नल ने एक सप्ताह बाद अध्ययन रिपोर्ट को वापस ले लिया। लेकिन इन रिपोर्टों की वजह से बड़े परीक्षण रुक गए।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 94 हजार पार, अकेले मुंबई में 52,000 केस इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने कहा कि इस दावा का कोरोना वायरस के खिलाफ संभावित उपयोग के लिए अपने परीक्षण को फिर से शुरू करेगा, क्योंकि अध्ययन चलाने वाले लोगों ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर नए रोगियों को देना बंद कर दिया।