धरने पर प्रशांत किशोर
BPSC की परीक्षा दोबारा कराने समेत अपनी कुछ अन्य मांगों को लेकर अभ्यर्थियों का धरना जारी है। इस बीच प्रशांत किशोर भी गांधी मैदान में अनशन पर बैठे हैं। इस दौरान उन्होने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों से मिलेंगे नहीं, तब तक अनशन जारी रहेगा।वहीं राजनीतिक पार्टियां भी खुलकर इन छात्रों के समर्थन में हैं। कांग्रेस ने भी छात्रों के समर्थन में मशाल रैली निकाली।
पप्पू यादव समेत कांग्रेस-लेफ्ट नेताओं पर FIR
BPSC की परीक्षा की मांग को लेकर प्रशांत किशोर गांधी मैदान में अनशन पर बैठे हैं। इस अनशन में राजनीतिक पार्टियां का खुलकर समर्थन मिल रहा है। इन अभ्यर्थियों के समर्थन में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने बिहार में शुक्रवार को चक्का जाम का ऐलान किया था। उसके बाद पटना से सटे सचिवालय हॉल्ट पर प्रदर्शनकारीयों ने रेल ट्रैक पर ही लेट कर प्रदर्शन किया। अब इस मामले में पप्पू यादव समेत कांग्रेस-लेफ्ट के नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है।
बिहार में चक्का जाम
बता देें कि गुरुवार (3 जनवरी) को बिहार में नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और रेल चक्का जाम था। दरअसल छात्र युवा शक्ति ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में चक्का जाम का ऐलान किया था। और सांसद पप्पू यादव ने इसका समर्थन करते हुए सभी छात्र संगठनों से अपील की थी कि वो चक्का जाम करने के लिए सड़क पर उतरें।
आज 22 केंद्रों पर BPSC की परीक्षा
बीपीएससी की 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता पुनर्परीक्षा शनिवार को पटना में 22 परीक्षा केंद्रों पर दोपहर 12 बजे से शुरू हो गई है। इसमें 12 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए है। परीक्षा के दौरान केंद्रों के आसपास 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा (Prohibitory Order) लागू रहेगा। आसपास की सभी फोटो स्टेट, साइबर कैफे की दुकानें बंद कर दी गई है। पटना में 15, पटना सिटी में चार व दानापुर में तीन परीक्षा केंद्र हैं। तीनों अनुमंडल के एसडीओ ने निषेधाज्ञा आदेश जारी किया है।
सुरक्षा के लिए खास तैयारी
शांति से परीक्षा करवाने के लिए 24 स्टैटिक मजिस्ट्रेट सह प्रेक्षक, 22 जोनल मजिस्ट्रेट व सात उड़नदस्ता दल को नियुक्त किया गया है। इनके साथ पुलिस पदाधिकारियों व सशस्त्र बलों को भी लगाया गया है। जिला नियंत्रण कक्ष में 14 सुरक्षित मजिस्ट्रेट मौजूद रहेंगे।
इस वजह से हो सकती है उम्मीदवारी रद्द
बीपीएससी 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता पुनर्परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष में मोबाइल, ब्लूटूथ, वाइ-फाइ गैजेट, इलेक्ट्रॉनिक पेन, पेजर, कलाई घड़ी (सामान्य / स्मार्ट) आदि नहीं ले जाना है। किसी भी उम्मीदवार के पास अगर यह सामग्री पाई जाती है तो उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया जाएगा।
सरकार को माननी चाहिए अभ्यर्थियों की मांग
सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की ये लड़ाई अब तेज होती जा रही है। कांग्रेस ने कहा है कि ये लड़ाई अब तभी रूकेगी जब सरकार छात्रों की बात को मान लेगी, क्योंकि उनकी मांगे जायज है। कई जगहों पर परीक्षा में अनियमितता पाई गई थी, जिसे सरकार और आयोग मानने के लिए तैयार नहीं है।