किडनी और लीवर नहीं कर रहा ठीक से काम: डॉक्टर
उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों की एक टीम के अनुसार, जगजीत सिंह डल्लेवाल की ग्लोमेरुलर फ़िल्ट्रेशन रेट (GFR) से पता चला कि ग्लोमेरुलर के निस्पंदन दर कम हो गई है। जीएफआर एक टेस्ट है जिससे गुर्दे की कार्यप्रणाली कैसा काम कर रही, इसका पता चलता है। इस टेस्ट से यह पता चलता है कि हर मिनट में गुर्दे के ग्लोमेरुलस से कितना खून गुज़रता है। ग्लोमेरुलस गुर्दे में मौजूद छोटे फ़िल्टर की तरह काम करते हैं, जो खून से अपशिष्ट को छानते हैं। ग्लोमेरुलर निस्पंदन शुद्धिकरण की प्रक्रिया है जिसके द्वारा गुर्दे रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त पानी को मूत्र में फ़िल्टर करते हैं। उनके लीवर में भी दिक्कत पाई गई है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर डल्लेवाल अपना अनशन ख़त्म भी कर दें तो भी वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाएंगे। उन्हें शनिवार की शाम से लगातार उल्टियां हो रही हैं और बेचैनी महसूस हो रही है। रविवार को वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहे हैं।महापंचायत के बाद डल्लेवाल की हालत बिगड़ी
डल्लेवाल को जब शनिवार को किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat at Khanauri) के मंच पर लाया गया था तब उन्हें विशेष रूप से तैयार किए गए बिस्तर पर लिटाया गया था। उन्होंने बिस्तर पर लेटे हुए ही सभा को संबोधित किया था। महापंचायत के बाद जब उन्हें वापस उनके कक्ष में ले जाया गया तो वह असहज महसूस करने लगे। उनका रक्तचाप काफी गिर गया था और उन्हें उल्टी भी हुई। पुलिस अधिकारी दिन के समय प्रदर्शन स्थल पहुंचे थे और डल्लेवाल से अनशन तोड़े बगैर चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने की कोशिश भी की थी। वहीं पूर्व डीआइजी नरिंदर भार्गव और पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नानक सिंह ने किसान नेताओं से मुलाकात की।डॉक्टर ने डल्लेवाल से महापंचायत के दौरान की थी ये अपील
डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) जब महापंचायत को संबोधित कर रहे थे तब एक डॉक्टर ने उनसे अपना संबोधन छोटा रखने के लिए अनुरोध भी किया था। लेकिन किसान नेता डल्लेवाल ने अपना संबोधन जारी रखा और यह कहा कि उन्हें बड़ी सभा में बोलने दिया जाए। दरअसल डॉक्टर उनकी हालत को देखते हुए यह नहीं चाहते थे कि उन्हें संबोधन के लिए बाहर ले जाया जाए लेकिन डल्लेवाल लोगों से मिलना चाहते थे और उनके आग्रह पर किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ (Abhimanyu Kohad) ने लोगों से बड़ी संख्या में पहुंचकर उनके दर्शन की अपील की थी।पंजाब के 13 हजार गांवों से डल्लेवाल ने की ये अपील
महापंचायत के बाद डॉ. अवतार सिंह (Dr. Avatar Singh) के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है और उनके महत्वपूर्ण अंगों की जांच कर रही है। अपने संबोधन के दौरान डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी का कानूनी अधिकार पाने की लड़ाई कठिन है इसलिए उन्होंने किसानों से इस लड़ाई को पूरे देश में ले जाने का आह्वान किया। उन्होंने पंजाब के लगभग 13,000 गांवों में से प्रत्येक गांव से कम से कम एक ट्रैक्टर-ट्रेलर खनौरी विरोध स्थल पर भेजने का आह्वान किया।एमएसपी कानून बनाने को लेकर चल रहे बवाल का यह पुराना वीडियो है।