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ऐप की डाउनलोडिंग पर बैन लगाने का आदेश
आपको बता दें कि इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को मोबाइल ऐप ‘टिक-टॉक’ पर बैन लगाने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह युवाओं के भविष्य और बच्चों के दिमाग को खराब कर रहा है। दरअसल, एक अधिवक्ता दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए, मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने केंद्र सरकार को भारत में इस ऐप की डाउनलोडिंग पर बैन लगाने का आदेश जारी किया था। इसके साथ ही मीडिया को भी इस ऐप के जरिए बने वीडियो का प्रसारण नहीं करने के लिए कहा था।
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कोर्ट के आदेश को भेदभावपूर्ण बताया
TikTok ऐप की मालिक मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की थी, लेकिन चीनी कंपनी Bytedance Technology को कोई राहत न मिल सकी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार TikTok ने कोर्ट के आदेश को अपमानजनक और भेदभावपूर्ण बताया है। कंपनी का कहना है कि उसको ऐसी किसी सामग्री के लिए जम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, जो प्लेटफॉर्म पर थर्ड-पार्टीज द्वारा अपलोड की जाती है।
100 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार टिक टॉक द्वारा अनुचित कंटेंट मुहैया कराया जा रहा है और इसे रोकना सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभार में इस ऐप को लगभग 100 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। इस कंपनी के राइटस चीनी कंपनी बाइटडांस के पास है। यह विश्व की सबसे अधिक वैल्यू वाली स्टार्टअप कंपनियों में शुमार है।