वर्मी कम्पोस्ट खाद होती है तैयार मिर्जापुर में गोबर किसानों से गोबर खरीदकर वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार की जा रही है। महिलाओं के एक समूह ने गोबर से खाद बनाना शुरू की। इसमें महिलाएं गोबर और जैविक वस्तुएं मिलाकर खाद के पैकेट्स तैयार करती हैं। पहले प्रदेश के ही अन्य जिलों खाद पहुंचाई। फिर दूसरे राज्यों से खाद की डिमांड बढ़ी। इसके बाद टीम को दक्षिण कोरिया से वर्मी कमपोस्ट का ऑर्डर मिला।
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अब इनको नहीं मिलेगी मुफ्त की बिजली, आयोग ने किया बड़ा बदलाव किसानों से दो रुपए में खरीदा जा रहा गोबर मिर्जापुर समेत आस-पास के जिलों से महिलाओं का समूह किसानों से गोबर खरीदता है। इसमें गाय भैस सभी का गोबर शामिल है। किसानों से 2 रुपए प्रति किलोग्रान को गोबर खरीदकर इसकी बनी वर्मी कंपोस्ट 40 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत से बेच रही है। इससे पौधों या खेतों में इस्तेमाल करने से पैदावार अच्छी हो रही है।
इन राज्यो में हो रही डिमांड वर्मी कंपोस्ट खाद का हाल ही में दक्षिण कोरिया में निर्यात शुरू हुआ है। इसके साथ साथ देश के 10 राज्यों में भी बिक्री होती है। इनमें केरल, हिमांचल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्यों में गोबर से बनी वर्मी कंपोस्ट खाद की डिमांड हो रही है। बेहतर दामों में ये राज्य गोबर से बना कंपोस्ट खरीद रहे हैं।
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यूपी में भी सोलर ट्री और शेयरिंग बाइक जैसी मिलेंगी सुविधाएं, 102 शहर बनेंगे मार्डन, देंखे अपना शहर किसने की प्रोजेक्ट की शुरुआत नव चेतना और शिखर वैदिक कृषि केंद्र ने साथ मिल कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का काम किया। हर राज्य में करीब 20 कुंतल से ज्यादा वर्मी कंपोस्ट खाद को तैयार कर बाहर भेज रहे है। एक तरफ जहाँ गोबर से खाद तैयार कर पशुपालकों और किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। वहीं, इलाक़े की आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को भी इससे रोजगार मिल रहा है। कृषि उपनिदेशक अशोक उपाध्याय ने बताया पशुपालकों से गोबर खरीदते है। उनसे दो रूपये किलो गोबर लेते है या वह खाद लेना चाहे तो खाद देते है।