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दस एकड़ का यह बंगला कैंट क्षेत्र का बंगला 210 बी करीब दस एकड़ का है। यहां पूरे बंगले में अवैध निर्माण हैं। इन्हें गिराए जाने के लिए इलहाबाद हार्इकोर्ट ने आदेश भी दे रखा है। करीब दो साल पहले बोर्ड द्वारा अवैध कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण की कार्रवार्इ के दौरान चार लोगों की मलवे में दबकर मौत हो गर्इ थी। इसके बाद खासा बवाल भी हुआ था। अब कैंट बोर्ड द्वारा एक बार फिर यहां बनी पांच दुकानों पर सीलिंग की कार्रवार्इ करने का प्रयास किया गया, लेकिन व्यापारी इसके विरोध में आ गए। व्यापारी बाकायदा पेट्रोल की बोतलें भरकर मौके पर बैठ गए। व्यापारियों ने इस बात का भी आरोप लगाया की इस कार्रवार्इ की खबर से एक महिला की सदमे में मौत भी हो गर्इ। व्यपारियों का विरोध देख प्रशासन भी बैक फुट पर आ गया। व्यापारी उनके पास कोर्ट का स्टे आर्डर होने की बात कर रहे थे, वहीं कैंट बोर्ड के अधिकारी मौके पर इसका जवाब नहीं दे सके। इसके चलते फिलहाल प्रशासन ने कार्रवार्इ को तब तक के लिए टाल दिया, जब तक कि उनके द्वारा दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों की जांच नहीं हो जाती।
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शुरू से विवादित रहा कैंट में प्राइम जगह पर बंगला 210 बी है। 1994 में यहां बिल्डर आनंद्र प्रकाश अग्रवाल ने प्लाटिंग करनी शुरू कर दी थी। अवैध निर्माण पर कैंट बोर्ड नोटिस देता रहा आैर यहां अवैध निर्माण होते गए। करीब चार साल पहले हार्इकोर्ट ने सभी अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिए थेे। यहां करीब एक शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स, 65 कोठियां आैर 20 दुकानें बिना अनुमति के बनी हैं। यहां की दुकानों पर सीलिंग कार्रवार्इ के दौरान यह हंगामा हुआ। जबकि यहां के कुछ लोगों ने अपने पास स्टे होने का दावा किया है।