हथियार तस्करी का नेटवर्क और गिरफ़्तारी
STF ने रोहन को मेरठ में एक गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया। रोहन ने हथियार तस्करी का एक व्यापक नेटवर्क तैयार कर रखा था। पूछताछ में पता चला है कि उसने विभिन्न शहरों में हथियार सप्लाई किए हैं और कई बार अंतरराज्यीय गैंग्स के साथ भी काम किया है। रोहन की गिरफ्तारी के बाद STF ने यह जांच शुरू कर दी है कि उसने अब तक कितने हथियार सप्लाई किए और किन-किन जगहों पर। STF अधिकारियों के अनुसार, रोहन ने बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी के सौदे किए थे। वह अवैध हथियारों की डीलिंग और लॉजिस्टिक्स में बेहद सक्रिय था। रोहन सिंह का आपराधिक सफर: कैसे बना तस्कर?
रोहन सिंह ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और दरोगा की परीक्षा की तैयारी भी की थी। हालांकि, परीक्षा में असफल होने के बाद उसने ठेकेदारी का काम शुरू किया। इसी दौरान उसकी मुलाकात अनिल बालियान नामक हथियार तस्कर से हुई।अनिल ने उसे ज्यादा पैसा कमाने के लालच में हथियार तस्करी की ओर खींच लिया। जल्दी अमीर बनने के चक्कर में रोहन ने यह अपराधी रास्ता चुना।
ग्राहकों का नेटवर्क: रोहन का काम तस्करी के लिए ग्राहकों को खोजना और सौदे तय करना था।
डिलीवरी: सौदा तय होने के बाद वह ग्राहकों को हथियार और कारतूस सप्लाई करता था।
प्रशिक्षण: रोहन अपने ग्राहकों को हथियारों के इस्तेमाल के लिए ट्रेन्ड भी करता था।
बरामद हथियार: AK-47 तक की सप्लाई का खुलासा
STF ने रोहन के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए
17 बंदूकें, 700 कारतूस। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि रोहन का गैंग AK-47 जैसी घातक हथियारों की तस्करी में भी शामिल था। STF की टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन हथियारों की सप्लाई किन क्षेत्रों में की गई और क्या इन्हें आतंकवादी संगठनों को भी बेचा गया है।
पुलिस विभाग पर सवाल
रोहन के पिता राकेश सिंह यूपी पुलिस में दरोगा हैं। इस घटना ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक पुलिस अधिकारी के बेटे का इस स्तर का आपराधिक जुड़ाव विभाग की छवि को धूमिल करता है। हालांकि, STF ने राकेश सिंह को फिलहाल जांच से अलग रखा है और रोहन से पूछताछ जारी है। रोहन के पिता की भूमिका पर भी जांच की जा रही है कि क्या वह इस रैकेट में शामिल थे या नहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त रुख
उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को साफ तौर पर कहा है कि अपराधियों के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी, चाहे वे किसी भी पृष्ठभूमि से हों।
गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश
STF की टीम रोहन के साथियों की भी तलाश में जुटी है। यह गैंग हथियारों की तस्करी के साथ-साथ गोलियों और अन्य सैन्य साजो-सामान की सप्लाई में भी लिप्त था। रोहन से पूछताछ में STF को कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिनके आधार पर टीम अन्य राज्यों में छापेमारी कर रही है।
पुलिस विभाग के लिए सबक
इस घटना ने यह दिखाया है कि अपराधी किसी भी पृष्ठभूमि से हो सकते हैं। पुलिस विभाग को अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों पर निगरानी रखने की आवश्यकता है। मेरठ में दरोगा के बेटे की गिरफ्तारी ने पूरे प्रदेश को हैरान कर दिया है। यह घटना यह बताती है कि अपराध किसी भी पृष्ठभूमि से हो सकता है। STF की कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार और सुरक्षा बल अपराधियों पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट नीति है कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, और इस मामले में भी यह सुनिश्चित किया जा रहा है।