इसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व जिला प्रचारक जबर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूर्व प्रचारक ने तीन दिन पहले फेसबुक लाइव पर आकर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उन्हें संघ से बिना किसी कारण के निष्कासित कर दिया है। इस कारण उन्होंने ऐसी टिप्पणी की है। उसने पुलिस को बताया कि लोकतंत्र में अपनी बात कहने का सभी को अधिकार है और हमने भी वही किया।
सिविल लाइन थाने में इस प्रकरण में आरएसएस के विनोद भारती की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। साइबर क्राइम सेल ने इसकी जांच-पड़ताल की। जांच में पुलिस को जबर सिंह की 19 सितंबर को फेसबुक लाइव पर बनाई गई वीडियो मिली। वीडियो में जबर सिंह संघ के पदाधिकारियों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करते हुए दिख रहे हैं। इस दौरान उसने कई बार संघ के पदाधिकारियों को गालियां भी दी। पुलिस टीम ने शनिवार को आरोपी जबर सिंह को उसके आवास से गिरफ्तार किया। जबर सिंह के मुताबिक, वह आरएसएस का जिला प्रचारक रहा है। कुछ दिन पहले उसे बिना कारण बताए बेवजह संघ से निकाल दिया गया था। उन्होंने इसके खिलाफ संघ के पदाधिकारियों से बात भी की थी। लेकिन जब किसी ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने फेसबुक लाइव करके अपनी बात सोशल मीडिया पर रखी। सूत्रों ने बताया कि जबर सिंह लंबे वक्त से संघ विरोधी कार्य कर रहा था। सोशल मीडिया पर भी वह संघ के खिलाफ बातें कर रहा था। इसी के चलते उसे संघ से निष्कासित किया गया था। सिविल लाइन थाना इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी निष्कासित संघ पदाधिकारी जबर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। वह परतापुर क्षेत्र के रिठानी गांव में रह रहा था। रविवार को उसे अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत के फैसले के बाद ही उसे जेल भेजा जाएगा। दूसरी ओर जबर सिंह के समर्थक उसको जेल जाने से बचाने की जुगत में जुट गए हैं।