पंडित भारत ज्ञान भूषण ने कहा कि रक्षाबंधन 30 अगस्त को ही मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्म शास्त्र अनुसार समग्रता, गुणवाली साकल्यापादित पूर्णिमा में रक्षाबंधन पर्व होता है। 31 अगस्त दिन गुरुवार को सूर्योद्नी पूर्णिमा प्रातः 7:06 मिनट तक ही है। इस प्रकार 3 मुहूर्त तक पूर्णिमा ना होने के कारण इस दिन साकल्यापादित पूर्णिमा नहीं रहेगी। ऐसी स्थिति में पहले दिन भद्रा के पश्चात प्रदोष के उत्तरार्द्ध में 30 अगस्त को ही रक्षाबंधन होना चाहिए अर्थात रात में 9:02 मिनट के बाद रक्षाबंधन किया जाना उचित होगा। जहाँ पर सूर्योदनी तिथि से ही मनाये जाने का प्रचलन है वहां 31 अगस्त को रक्षा सूत्र पर्व मनाया जायेगा। लेकिन यह शास्त्र अनुकूल नहीं है। शास्त्र अनुकूल 30 अगस्त को ही मनाया जाना श्रेष्ठ रहेगा। यह कथन पुरुषार्थ चिंतामणि ग्रन्थ शास्त्रानुसार है।
सिद्ध योग में राखी बाँधने के शुभ मुहूर्त 30/ 31 अगस्त
अमृत योग– 30 अगस्त – रात्रि 9:02 बजे से 10:30 बजे तक।
सामान्य चर योग– 30 अगस्त – रात्रि 10:30 बजे से 12:00 बजे तक।
शुभ समय– 31 अगस्त – प्रातः 6:00 बजे से 07:06 बजे तक।