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मेरठ

इस दिन बच्चे की जीभ पर शहद से लिखेंगे यह, तो वह बन जाएगा ज्ञानवान!

उत्तर भारत में इस त्योहार का इंतजार किया जाता है पूरे साल, पूजा- हवन करने का होता है विशेष महत्व
 

मेरठJan 19, 2018 / 01:23 am

sanjay sharma

meerut
मेरठ। अपने बच्चे को तेज दिमाग आैर ज्ञानवान बनाने का माता-पिता का सपना होता है, इसके लिए वे हर तरह की कोशिश में लगे रहते हैं। बसंत पंचमी एेसा पर्व है, जिसमें यदि विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाए तो कोर्इ अन्य उपाय करने की जरूरत ही नहीं है। बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा होती है, यदि देवी प्रसन्न हो जाएं तो बच्चों को देवी का विशेष आशीर्वाद मिलता है आैर बच्चे तेज दिमाग व ज्ञानवान बन जाते हैं।
22 जनवरी को यह मुहूर्त

इस साल बसंत पंचमी 22 जनवरी को है। देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए। पंचमी तिथि 21 जनवरी को दोपहर 3.33 से शुरू हो जाएगी, जो 22 जनवरी को शाम 4.24 बजे तक रहेगी। इसमें हवन-पूजा व अन्य धार्मिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त 22 जनवरी को सुबह 7.17 बजे से दोपहर 12.32 बजे तक रहेगा।
बच्चों के लिए यह विशेष उपाय

ज्योतिषाचार्य डा. ललित गर्ग का कहना है कि बच्चों के ज्ञानवान आैर तेज बुद्धि के लिए विशेष उपाय किया जाता है, यदि यही सही तरीके से हो गया तो देवी सरस्वती जीवन भर के लिए बच्चे की जीभ पर विराजमान हो जाती हैं आैर बच्चे को बुद्धि, विद्या व ज्ञान में आगे रखती हैं। उन्होंने बताया कि यह विशेष उपाय नवजात से 10 साल तक के बच्चों पर ज्यादा प्रभावी रहता है। इसके लिए बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त पर किसी पंडित से अपने बच्चे की जीभ पर चांदी के तार को शहद में भिगोकर ‘आेम’ लिखवाने से देवी सरस्वती सदैव के लिए बच्चे की जुबान पर विराजमान हो जाती हैं आैर बच्चे की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है, वह ज्ञानवान होता जाता है।
एेसे करें देवी सरस्वती की पूजा

बसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व होता है। इस दिन पीले वस्त्र पहने जाते हैं आैर घर में पीले रंग का भोजन बनता है। पूजा-अर्चना के लिए देवी सरस्वती की प्रतिमा के साथ कलश स्थापित करें। साथ ही गणेश जी व नवग्रह की विधिपूर्वक पूजा आैर हवन करने से देवी सरस्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। गरीब बच्चों को काॅपी, किताब, पेन-पेंसिल दान में देने से भी देवी प्रसन्न होती हैं। बसंत पंचमी पर पंतगें उड़ाने का भी महत्व है, लोग पीले रंग के वस्त्र पहनकर पीले रंग की पतंगें उड़ाते हैं।

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