बता दें कि बागपत जेल में पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या के बाद बागपत जेल सुर्खियों में है। दो दिन पूर्व जेल निगरानी समीति ने भी यहां का दौरा किया और पूछताछ के बाद यह ब्यान आया कि बागपत जेल संवेदनशील है।
अधिकारी भी मानते हैं कि बागपत जेल खतरे से खाली नहीं है। यही कारण है कि अब तक इस जेल से आधा दर्जन कैदियों को दूसरी जेलों में भेजा जा चुका है। वहीं अब एक और सरकारी अफसर ने शासन को पत्र भेजकर अपने तबादले की मांग कर डाली है। जिसके बाद प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है। दरअसल, जेल में कैदियों का इलाज करने वाले डाक्टर ने अब कैदियों का इलाज करने से हाथ खड़े कर दिये हैं और अपने इस फैसले से शासन को भी अवगत करा दिया है।
डाक्टर का कहना है कि कैदियों द्वारा उस पर दबाव बनाया जाता है कि उनको अस्पताल में भर्ती करा दिया जाये, ताकि वे अपने कुछ अधूरे काम पूरे कर सके। जेल में बंदियों का इलाज के लिए तैनात डॉ अवधेश कुमार ने डीएम व एसपी से भी सुरक्षा की गुहार लगायी है और बताया कि जेल में बंद कई कैदी नशे के आदी हैं। नशीली दवाओं का सेवन करने के लिए वह जबरन अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं। अगर उनकी बात नहीं मानी तो वे जान से मार देगें। कई बार उनके साथ गाली गलौच भी हो चुकी है और मारपीट की नौबत तक आ चुकी है। जिसके कारण डॉक्टर ने जेल में इलाज करने से इंकार कर दिया है। वहीं जिलाधिकारी ऋषिरेंद्र ने मामले की जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कही है।