प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई को जिस हाईवे का उद्धाटन पूरे जोश के साथ किया था, आज वह एक्सप्रेस-वे बदहाल होने की कगार पर खड़ा है। सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे को लेकर तमाम वादे किए थे, लेकिन अब यह खतरे से खाली नहीं। इस्टर्न पेरिफेरल पर कभी भी चोरी हो जाती है। चोरी को लेकर इस हाईवे की इतनी किरकरी हो चुकी है कि एनएचएआई से लेकर परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों को इसके लिए दिल्ली में बैठक बुलानी पड़ी और चोरी रोकने के उपायों पर विचार किया गया। दरअसल सारा बखेड़ा एक महीने के अंदर का है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर एक महीने के अंदर लाखों रूपये के सौलर पैनल, बैटरे, मशीनों के अलावा अब तक करोड़ों के अन्य सामान चोरी हो चुके हैं।
लेकिन प्रशासन को इसकी कोई सुध नहीं थी लेकिन जब ये खबर मीडिया में आई तो हड़कंप मच गया। जिसके बाद एनएचएआई के अधिकारियों और बीजेपी नेताओं ने इसे गंभीरता से लिया। नतीजन दिल्ली में बागपत जनपद सहित अन्य जिलों के अधिकारियों की साथ हुआ बैठक में चोरी रोकने को विचार विमर्श किया गया। परिवहन मंत्रालय और छह जिलों के पुलिस अधिकारियों ने इस पर अपनी राय दी है। जिसमें हाईवे पर पुलिस चैकपोस्ट बनाये जाने पर विचार किया गया है। हालाकि अंतिम फैसला मंत्रालय और एनएचएआई करेगा। लेकिन इतना तय है कि जिन थाना क्षेत्रों से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे गुजरता है वहां पर पुलिस की लगाम चोरो पर नहीं है और वहां अपराधियों का बोलबाला है। अब देखना होगा ये उपाय कितना करागर होता है और इससे चोरी की घटनाओं पर कितनी रोक लगती है।