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मेरठ

बांग्लादेश तक फैला था गोवंशीय पशु कटान का कारोबार,ऐसे देता था धंधे को अंजाम

मेरठ से बांग्लादेश तक गोवंशीय पशुओं के कटान का धंधा फैला हुआ था। देश का सबसे बड़ा गोतस्कर मेरठ में बैठकर अपने धंधे का अंजाम दे रहा था। देश के सबसे बड़े गोतस्कर अकबर बंजारा पर असम पुलिस ने दो लाख का इनाम घोषित किया हुआ था अकबर बंजारा मेरठ से असम के रास्ते बांग्लादेश में गोवंशीय पशुओं की सप्लाई कर रहा था। मेरठ पुलिस ने अकबर को उसके भाइयों के साथ फलावदा से गिरफ्तार कर असम पुलिस को सौंप दिया।

मेरठApr 15, 2022 / 11:22 am

Kamta Tripathi

बांग्लादेश तक फैला था गोवंशीय पशु कटान का कारोबार,ऐसे देता था धंधे को अंजाम

बांग्लादेश तक फैला था गोवंशीय पशु कटान का कारोबार,ऐसे देता था धंधे को अंजाम

मेरठ एसओजी और थाना फलावदा पुलिस ने देश के सबसे बड़े गोवंशीय कटान माफिया और गोतस्कर अकबर बंजारा को उसके दो भाइयों सहित गिरफ्तार कर लिया। अकबर बंजारा पूर्वोत्तर राज्यों का सबसे बड़ा गो तस्कर माना जाता है। उस पर असम पुलिस ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। थाना फलावदा पुलिस व एसओजी टीम ने मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान बाबूखा,रनजीत को गिरफ्तार किया था। जबकि अकबर बंजारा, सलमान बंजारा, समीम बंजारा पुत्रगण पीरू बंजारा, निवासीगण मौहल्ला बंजारान कस्बा व थाना फलावदा, मेरठ व इकबाल पुत्र हाजी सईद निवासी सम्भलहेडा, थाना जानसठ मुजफ्फरनगर मौके से फरार हो गये थे। इन फरार गोतस्करों की तलाश एसओजी कर रही थी। अकबर बंजारा, सलमान बंजारा, समीम बंजारा पुत्रगण पीरू बंजारा, निवासीगण मौहल्ला बंजारान कस्बा व थाना फलावदा मेरठ व एसओजी टीम मेरठ को मुखबीर की सूचना पर जेल चुंगी, थाना मेडिकल क्षेत्र के पास से गिरफ्तार किया गया।

गोवंश को ट्रकों में लादकर भेजते थे बांग्लादेश
अभियुक्त अकबर, सलमान, समीम उपरोक्त ने पूछताछ में बताया कि हमारे द्वारा अलग-अलग राज्यों से प्रतिबन्धित गोपशुओं को ट्रकों में लादकर असम राज्य के रास्ते बांग्लादेश भिजवाया जाता है। अकबर पर असम पुलिस ने दो लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था। उसके बाद से ये मेरठ से व्यापार कर रहा था। प्रतिबन्धित व्यापार में अकबर द्वारा करोडों रूपये का लेन-देन किया गया है।
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असम में दो बड़े सिंडीकेट पशु तस्करी का कार्य करते हैं। जिसमें एक सिंडीकेट रवि रेडडी का चलता है तथा दूसरा मेरठ निवासी अकबर चलाता था। इनका एक साथी जियाउलहक खान निवासी हाऊली बरपटा, असम भी है। गोवशीय पशुओं को इनके द्वारा देश के अलग राज्यों से तस्करी कर मेघालय के रास्ते बांग्लादेश भेज दिया जाता है। कुछ गोवंशीय पशुओं को असम, मेघालय, मिजोरम आदि राज्यों में कटान के लिये दे दिये जाते हैं। जिससे इसके द्वारा अच्छा लाभ कमाया जाता था।

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