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मेरठ के थाना मवाना क्षेत्र के मोहल्ला हीरालाल की रहने वाली राखी गौतम की शादी कंकरखेडा निवासी निर्मेश के साथ हुई थी। शादी के कुछ समय बाद तक सब कुछ ठीक चलता रहा था, लेकिन उसके कुछ साल बाद ही पति और पत्नी में अनबन रहने लगी। राखी का आरोप है कि उसके ससुराल वाले और उसके पति आए दिन उसके साथ मारपीट करते रहते थे। जब वह अधिक परेशान हो गई तो अपने मायके मवाना चली गई। इसी बीच एक साल पहले राखी के ससुर ईश्वर का लंबी बीमारी के कारण मौत हो गई। इस दौरान ससुर की तेरहवीं में राखी भी शामिल होने पहुंची, लेकिन आरोप है कि यहां पर उसके साथ उसके पति और परिजनों ने मारपीट की। राखी ने इस बारे में अपने पति निर्मेश गौतम, जेठ भूपेंद्र गौतम और अन्य के खिलाफ मारपीट और जानलेवा हमले का मुकदमा कंकरखेडा थाने में दर्ज करा दिया। पुलिस ने भी महिला के शरीर पर चोट और मेडिकल के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया था।
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ऐसे खुली पोल
राखी जब सोमवार को अपने पति के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एएसपी सतपाल अंतिल से मिली तो पुलिस की लापरवाही की पोल खुली। एएसपी ने राखी से पूछा कि एफआईआर में दर्ज नाम ईश्वर कौन है तो उसने बताया कि उसके ससुर हैं और वे मर चुके हैं। एफआईआर में मरे हुए व्यक्ति का नाम पढ़कर खुद पुलिस अधिकारी चकरा गए। दरअसल, पुलिस ने राखी के मृतक ससुर ईश्वर को भी जानलेवा हमला और मारपीट की धाराओं में मुजरिम बना दिया था। एएसपी ने कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर से फोन पर जब इस बारे में पूछा तो वह कोई जवाब नहीं दे सके। इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा ने मामले में मुंशी की गलती बताकर पल्ला झाड़ लिया।