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आजम खां ने कहा- अगले लोक सभा चुनाव में महागठबंधन इतना बुरा हाल करेगा भाजपा का किसानों के नाम पर वोट बटोरे भाकियू का आरोप है कि किसानों के नाम पर वोट लेकर सत्ता में आने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार से किसान वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। सरकार के चार साल पूरे हो जाने के बाद भी जगह-जगह खड़े हो रहे किसान आन्दोलन इस बात का प्रमाण है कि भाजपा की सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति गम्भीर नहीं है।
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मिशन 2019 के लिए प्रदेश में भाजपा इस कार्ड के बहाने तेज करेगी अपनी सियासी धार बढ़ रही हैं आत्महत्याएं भाकियू प्रवक्ता ने दावा किया कि सरकारी रिपोर्ट के अनुसार किसान खेती छोड़ रहे हैं। किसानों की आत्महत्याएं रुक नहीं है, बल्कि बढ़ रही हैं। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य न मिलने के कारण कर्ज का भार बढ़ रहा है।
कंपनियों के हित में फसल बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के हित में न होकर बीमा कम्पनियों के हित में कार्य कर रही है। प्रदेश के गन्ना किसानों पर लगभग 11000 करोड़ रुपया गन्ना सीजन बन्द होने के बाद भी बकाया है। घोषणा पत्र में भारतीय जनता पार्टी ने 14 दिन में गन्ना भुगतान की बात कही थी। भारतीय जनता पार्टी का यह वादा भी किसानों के लिए जुमला ही साबित हुआ है।
23 सितंबर से शुरू होगी किसान क्रांति यात्रा भारतीय किसान यूनियन द्वारा किसानों के मुद्दों को लेकर 23 सितम्बर 2018 से हरिद्वार टिकैत घाट से किसान क्रांति यात्रा चलकर 2 अक्टूबर को किसान घाट नई दिल्ली पहुंचेगी।
किसान चलेंगे वाहनों से और पैदल जिसमें लाखों किसान अपने वाहनों के साथ पैदल चलकर दिल्ली तक जाएंगे। किसान क्रांति यात्रा में किसानों के मुद्दों पर समाधान होने पर ही किसान वापस घर को लोटेंगे। किसान क्रांति यात्रा के माध्यम से सरकार से आर-पार की लड़ाई होगी। राकेश टिकैत ने देश के किसानों एवं युवाओं से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक संख्या में यात्रा में शामिल होकर समस्याओं के समाधान तक दिल्ली में तब तक डटे रहें, जब तक सरकार आपकी समस्याओं का समाधान नहीं कर देती।