यह भी पढ़ेंः
भीम आर्मी प्रमुख की रिहाई के बाद इस पार्टी ने भाजपा को घेरने का बजा दिया बिगुल, किया यह एेलान पदाधिकारियों में टकराव की स्थिति बताते चलें कि मेरठ में जैन प्रबंधन कमेटी मेरठ जिले क 36 मंदिरों की प्रबंध कमेटियों का प्रतिनिधित्व करती है। शुक्रवार को जब बैठक हुई तो इसमें अधिकांश मंदिरों की प्रबंध कमेटी के पदाधिकारी मौजूद थे। सुरेश चंद्र जैन को भी इस मामले में सफाई देने के लिए बुलाया गया था। जिसमें उन्होंने कहा कि नयन सागर जी महाराज का मेरठ से कोई संबंध नहीं है। इसलिए इस मामले को यहां न उठाया जाए। नयन सागर महाराज मामले में मेरठ के जैन समाज की चुप्पी के विरोध में कार्यकारिणी सदस्य हंस कुमार जैन ने इस्तीफा दे दिया था। अपने इस्तीफे पत्र में उन्होंने आरोप लगाये थे कि स्वागत सत्कार के कार्यक्रमों में तो कमेटी पूरे महानगर का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन जिम्मेदारी के नाम पर कहा जाता है कि यह चंद जैन मंदिरों की प्रबंधकारिणी कमेटी है। मुनियों के प्रवास और चातुर्मास के लिए कमेटी के शीर्ष अधिकारी से संपर्क करने पर हतोत्साहित किया जाता है। पता नहीं कमेटी के पदाधिकारी किस डर से सत्य का साथ देने का साहस नहीं जुटा पा रहे। नयन सागर पर निर्णय नहीं लिए जाने से पूरा समाज भ्रमित है। बैठक में प्रेमचंद जैन, रंजीत कुमार जैन, सुरेंद्र कुमार जैन, विपिन जैन, देवेंद्र जैन, आनंद जैन, आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ेंः
सरकार के फैसले से नाराज हुए राजपूत, कहा- इस बार चुनाव में इनको देंगे वोट ये था मामला मेरठ में जैन समाज के वाट्स एेप ग्रुप में एक पोस्ट वायरल हुई। जिसमें जैन समाज के सुरेश जैन रितुराज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन पर मुनि नयन सागर को बचाने का आरोप लगाया गया है। पोस्ट में लिखा गया है कि इससे जैन समाज की छवि धूमिल हो रही है। मेरठ के बड़े ज्वेलर्स के प्रतिष्ठान में नयन सागर का पैसा लगे होने की बात कही गई है। कहा है कि ज्वेलर्स भाजपा नेता सुरेश जैन रितुराज को भी फंड उपलब्ध कराते हैं।
इनका यह कहना है इस बारे में सुरेश चंद्र जैन से बात की तो उन्होंने कहा कि जैन मुनि प्रकरण का मेरठ से कोई संबंध नहीं है। इससे मेरठ के जैन समाज का कोई लेना देना नहीं है। जहां तक आरोप लगाने की बात है तो वे पूरी तरह से झूठे हैं।