मीना ने अपने भाषण में सरकार के साथ विपक्षी कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले ढ़ाई साल में सरकार जैसा कुछ नहीं दिखा। प्रदेश में भूख से मौतें हो रही हैं। गोगुन्दा और कोटा में एेसे मामले सामने आए थे।
लोगों और वाहनों के काफिले के साथ जयपुर की ओर बढ़ रहे मीना को पुलिस ने घाट की गूणी से पहले ही रोक लिया, जहां मीना ने लोगों को सम्बोधित कर मुख्यमंत्री के नाम अपना 39 सूत्रीय मांगपत्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी को सौंपा।
रथ पर सवार मीना ने कहा कि आनंदपाल को सरकार नहीं ढूंढ पा रही, लेकिन हमें घेरने के लिए पुलिस भेज दी। उन्होंने यहां २९ अक्टूबर को सवाई माधोपुर और उसके बाद जयपुर समेत 19 जिलों में एेसी रैलियों की घोषणा की। कूच में मीना के साथ उनकी विधायक पत्नी गोलमा देवी भी मौजूद थी। रैली को हनुमान बेनीवाल व नवीन पिलानिया ने सम्बोधित किया।
गहलोत-पायलट, तिवाड़ी से मांगा समर्थन मीना ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी का नाम लेकर कहा कि उन्हें यहां होना चाहिए था। इन नेताओं को मुझे नैतिक समर्थन तो देना चाहिए। कांग्रेस यदि बैठे-बैठे ही राज पाने के सपने देख रही है तो यह उसकी भूल है। मीना ने गरीब सवर्णों को भी 14 प्रतिशत आरक्षण का समर्थन किया।
सुरंग दो घंटे रही बंद जाम की स्थिति को देखते हुए रविवार को दो घंटे सुरंग से वाहनों का आवागमन बंद रहा। यातायात पुलिस ने मीना की रैली के चलते एक दिन पहले यातायात डायवर्जन का प्लान बनाया था।
इसके चलते रैली के कानोता आने पर जयपुर से आगरा और सिकंदरा जाने वाले वाहनों को जगतपुरा, गोनेर तिराहा, पालणी मीणा होकर निकाला। इसके साथ ही बस्सी और कानोता से जयपुर आने वाले यातायात को जामडोली से सिसोदिया गार्डन होकर दिल्ली रोड पर निकाला।
प्रमुख मांगें – रोजगार दे, नहीं देने तक बेरोजगारों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह भत्ता दे। – मीना-मीणा विवाद का स्थायी समाधान शीघ्र हो। – पंजाब, तमिलनाडु की तरह किसानों को मुफ्त बिजली मिले, उनके बैंक ऋण माफ हों।
– आरक्षित वर्ग की छात्रवृत्ति मिले, बैकलॉग भरा जाए। – अवैध खनन के नाम पर पुलिस और अन्य विभागों की मनमानी कार्रवाई रुके।