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सांसद मेनका गांधी की सजगता से सैकड़ों बेजुवानों की बची जान, 15 लोग गिरफ्तार सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि आरोप गंभीर हैं। काॅपीराइट एक्ट उल्लंघन व धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं। वहीं सहअभियुक्त सचिन गुप्ता को राहत नहीं मिली है। इसलिए उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने संजीव गुप्ता की अंतरिम अग्रिम जमानत पांच लाख के व्यक्तिगत मुचलके व दो बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याची से कहा है कि वह विवेचना में सहयोग करेगा। साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेगा। धमकी या प्रलोभन नहीं देगा, बिना कोर्ट की अनुमति देश नहीं छोड़ेगा। यदि शर्तों का उल्लंघन किया तो जमानत निरस्त की जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया है।
अधिवक्ता हरिश्चंद्र मिश्र का कहना है कि याची मुख्य आरोपी सचिन गुप्ता का चाचा है। प्रतापपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। याची का पुस्तक के प्रकाशन व मुद्रण से कोई सरोकार नहीं है। उसे बिना सबूत के फंसाया जा रहा है।