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मेरठ में कोरोना के संक्रमण से नौवीं मौत, तेज बुखार और सांस लेने में शिकायत पर कराया गया था भर्ती कोरोना वायरस से लॉकडाउन होने से पहले प्रवीण प्रॉपर्टी डीलर था। लॉकडाउन के बाद जब कामकाज ठप हो गया तो वह घर पर ही लोगों के लिए मास्क बनाने का काम करने लगा। तीन दिन पहले प्रवीण को सांस लेने में तकलीफ हुई। उसके बाद उसे रोहटा रोड के एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे तीन दिन की दवा दी, लेकिन आराम नहीं होने पर प्रवीण को मेडिकल कालेज ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। मौत के बाद उसकी जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। उसके भाई ने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज में सही तरीके से इलाज नहीं दिया गया। परिजन इलाच के लिए कहते रहे, लेकिन प्रवीण को वेंटिलेटर पर शिफ्ट नहीं किया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता का कहना है कि प्रवीण को बचाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई। उन्होंने कहा कि इलाज में लापरवाही नहीं बरती गई।
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इस महामंडलेश्वर ने शराब की दुकानें खोले जाने के विरोध में मोदी-योगी को पत्र लिखकर की ये मांग प्रवीण की मौत के बाद कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर शव सीधे सूरजकुंड श्मशान घाट ले जाया गया। प्रवीण की पत्नी उसकी आखिरी बार शक्ल भी नहीं देख सकी। वह दूर खड़ी परिवार वालों से मिलकर बिलखती रही। प्रवीण के परिवार में पत्नी के अलावा पांच भाई और बाकी सदस्य हैं। मृतक प्रवीण के परिवारवालों को भय है कि उनका कोरोना टेस्ट क्या रहता है। कोरोना के संक्रमण से जनपद की इस सबसे युवा मौत पर हर कोई स्तब्ध है और दहशत में भी हैं।