आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को मनी लांड्रिंग और चित्रकूट जेल में अवैध तरीके से मोबाइल रखने के मामले में जमानत दे दी। परंतु उन पर लगे गैंगस्टर मामले में उनको अभी जमानत नहीं मिल पाई है। इसलिए फिलहाल वो जेल में ही रहेंगे।
हालांकि जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया पैसे के लेन देन का संबध साबित होता है। मनी लांड्रिंग अधिनियम के प्रावधानों के तहत अदालत इस बात से संतुष्ट नहीं है कि अभियुक्त इस मामले में निर्दोष है।
क्या है मनी लांड्रिंग मामला
विधायक अब्बास अंसारी पर आरोप है कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म मनी लांड्रिंग में सीधे तौर पर शामिल है। इस फर्म ने जमीनों पर कब्जा करके गोदामों को एफसीआई को किराए पर देकर 15 करोड़ रुपए से अधिक कमाई की है। आरोप है कि कंपनी ने नाबार्ड से सवा दो करोड़ की सब्सिडी भी प्राप्त की है।इसी तरह दूसरा आरोप चित्रकूट जेल में अवैध तरीके से मोबाइल रखने का है।
इसके साथ ही अब्बास अंसारी अभी जेल से बाहर नहीं आयेंगे,क्योंकि 5 सितम्बर को लगे गैंगस्टर एक्ट में जमानत नहीं मिली है।
हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका डालने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को निर्देश दिया है कि गैंगस्टर जमानत याचिका की सुनवाई चार हफ्ते में पूरी करे।
इसके साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को जांच में सहयोग करने को कहा है।
अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने अब्बास की अंतरिम जमानत की मांग की थी,परंतु अदालत ने इसे ठुकरा दिया।