scriptJanmashtami 2019: जानिए इस साल कितने वर्ष के हो जाएंगे भगवान श्रीकृष्ण | Know how old Lord Krishna will become on janmashtami 2019 | Patrika News
मथुरा

Janmashtami 2019: जानिए इस साल कितने वर्ष के हो जाएंगे भगवान श्रीकृष्ण

इस साल भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव बेहद ही भव्य तरीके से मनाया जाएगा।

मथुराAug 20, 2019 / 11:17 am

suchita mishra

मथुरा। हर वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आयोजन देशभर में किया जाता है। इसे जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। मथुरा भगवान की जन्मस्थली रही है इसलिए यहां पर हर साल जन्माष्टमी का आयोजन धूमधाम से मनाया जाता है। देश विदेशों से भक्त यहां भगवान के जन्मोत्सव का आनंद लेने पहुंचते हैं और उनके दर्शन कर अभिभूत होते हैं। इस बार भगवान कृष्ण 5246 वर्ष के हो जाएंगे। भगवान के 5246वें जन्मोत्सव के मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मथुरा पहुंच रहे हैं। कृष्ण जन्माष्टमी 24 अगस्त को है। सीएम योगी 23 अगस्त से 25 अगस्त तक मथुरा में रहेंगे। इस दौरान भगवान का जन्मदिवस बेहद भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इसके लिए मथुरा में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। पूजा, संकल्प और महाभिषेक होगा।
संस्कृति विभाग कराएगा तीन दिवसीय कार्यक्रम
संस्कृति विभाग द्वारा तीन दिन तक शहर के विभिन्न स्थलों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। महाविद्या कॉलोनी के पास रामलीला ग्राउंड पर 23 से 25 अगस्त तक विख्यात भजन गायक अनूप जलोटा, शंकर महादेवन व महाभारत सीरियल में श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले नीतीश भारद्वाज आदि अपनी प्रस्तुति देंगे। इस दौरान हरियाणा के सुरेंद्र सिंह का घूमर नृत्य, मथुरा के देवकीनंदन शर्मा की रासलीला, वंदना का लोकनृत्य, राजस्थान के देवेंद्र शर्मा मंगलामुखी का कथक, दिल्ली के यश चौहान की कृष्णलीला, ओडिशा प्रिंस ग्रुप का श्रीकृष्णावतार, अवधी लोकनृत्य, डांडिया, गूजरी नृत्य, रासलीला व मुम्बई गैलेक्सी इवेंट कंपनी का दही हांडी कार्यक्रम समेत तमाम कार्यक्रम देशभर के विभिन्न कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे।
कृष्ण जन्मस्थान पर होंगे ये कार्यक्रम

23 अगस्त की शाम केशव देव मंदिर में भगवान श्रीराधा-कृष्ण को रत्न, मोती एवं रेशम का उपयोग करते हुए कमल पुष्प, पत्ती, लता-पता आदि की जड़ाई की गई मृगांक कौमुदी पोशाक अर्पित की जाएगी। 24 अगस्त को मंगला दर्शन से पूर्व ठाकुरजी इसी पोशाक को धारण कर अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इस मौके पर भगवान को सवा सौ मन लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा। ढोल -नगाड़ों और शहनाई वादन के साथ जन्मस्थान पर भगवान की मंगला आरती होगी उसके बाद पंचामृत अभिषेक के बाद पुष्पार्चन होगा। उसकके बाद लीला मंच पर भावमय दिव्य पुष्पांजलि का कार्यक्रम महंत नृत्यगोपाल दास और शरणानंद महाराज के सानिध्य में होगा। सुबह 10 बजे लीलामंच पर आरती के बाद कीर्ति किशोरी द्वारा भजन गायन का कार्यक्रम होगा। ठाकुरजी के जन्म महाभिषेक का कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्री गणेश-नवग्रह पूजन से होगा। रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के समय इस बार मुम्बई से बुलाये गए ढोल वादक घंटे-घड़ियाल के सामंजस्य से दिव्य मंगल गायन करेंगे और ठाकुजी के विग्रह का महाभिषेक चांदी के गौ विग्रह के पयोधरों से होगा। करीब 15 मिनट के महाभिषेक के बाद रात्रि 12 बजाकर 40 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक श्रंगार आरती के दर्शन होंगे और ठाकुरजी के जन्म के दर्शन श्रद्धालु रात्रि डेढ़ बजे तक कर सकेंगे।

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