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मथुरा

नन्ही समृद्धि के हौसले को सलाम, शहीद सैनिकों के परिजनों के लिए जुटाया फंड

6 वर्ष की समृद्धि ने शहीदों के परिजनों की मदद के लिए अपनी गुल्लक तोड़ दी।
लोगों से चंदा इकट्ठा कर डीएम को किया दान।

मथुराJul 30, 2019 / 07:52 pm

अमित शर्मा

mathura news

नन्ही समृद्धि के हौसले को सलाम, शहीद सैनिकों के परिजनों के लिए जुटाया फंड

मथुरा। छह साल की छोटी सी उम्र में नन्ही परी ने जो काम किया है इसे देख और सुनकर हर कोई आश्चर्य में पड़ गया है। पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों के परिजनों की आर्थिक मदद के लिए मासूम बच्ची ने अपनी गुल्लक देकर उसके सारे पैसे शहीदों के परिजनों को दान करने के लिए कहा। मां ने जब कहा कि ये पैसे तो बहुत कम हैं तो इस मासूम ने अपने आस-पड़ोस और फ्रेंड सर्किल से चंदा इकट्ठा किया। अब जब यह रकम करीब 12 हज़ार के आसपास पहुंच गई तो अपनी मां के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर उसने सिटी मजिस्ट्रेट और सेना के अधिकारियों के सामने शहीदों के परिजनों के लिए यह रकम दान कर दी। इसके साथ ही उसने लोगों को संदेश भी दिया है कि 125 करोड़ लोगों में से एक करोड़ लोग भी हर दिन एक रुपया दें तो महीने के एक करोड़ से शहीदों के परिजनों की मदद की जा सकती है। 
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दरअसल 6 साल की समृध्दि अपनी मां दीपा चतुर्वेदी के साथ अपने नाना के यहां रहती है। साल 2010 में शादी के बाद दीपा को उसके पति सुमित चतुर्वेदी ने छोड़ दिया और बच्ची को लेकर वे अपने पिता के यहां रह रही हैं। हर बच्चा चाहता है कि वह अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़े और उसे सारी सुख-सुविधाएं मिले लेकिन पैसों के अभाव में समृद्धि को महंगा स्कूल छोड़ना पड़ा। 
 
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मंगलवार को मासूम समृद्धि ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में सेना के अधिकारी के सामने अपने स्तर से चंदा कर इकट्ठा किए 12 हज़ार 730 रुपये शहीद जवानों के परिजनों की आर्थिक मदद के लिए प्रधानमंत्री राहत कोश में जमा कराए। इस बारे में जब हमने समृद्धि से बात की तो उसने बताया कि जो जवान शहीद हुए हैं मैं उनकी मदद करना चाहती हूं। जब उससे पूछा गया कि की इतनी छोटी उम्र में वो ये सब कैसे करेंगी तो बोली कि घर-घर जाकर और आप सबसे डोनेशन लूंगी और इकट्ठा कर उसे डीएम के पास जमा करा दूंगी। इसके लिए उसे किसने प्रेरणा दी इस सवाल पर मासूमियत से जवाब देते हुए बोली कि हम सब भारतीय हैं और जब पुलवामा अटैक हुआ तो मैंने सोचा कि मदद करनी चाहिए। उसने बताया कि अपनी गुल्लक उसने अपनी मां को दी थी लेकिन कम पैसे होने की बात जब मां ने कही तो उसने शहीदों के परिजनों के लिए आर्थिक मदद के लिए डोनेशन इकट्ठा करने का मन बनाया। समृद्धि का कहना है कि उसने अब तक करीब 200 लोगों से डोनेशन इकट्ठा किया है और बाकायदा इसके लिए एक रजिस्टर भी मैंटेन किया है जिसमें डोनेशन देने वाले का नाम, पता, फोन नंबर और रकम का ब्यौरा खुद ही दर्ज किया है।

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