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यमुना एक्सप्रेस वे पर अधिक टोल वसूलने के बाद भी यहां न तो एंबुलेंस दिखाई देती है। सुरक्षा के नाम पर पुलिस भी रास्ते में कहीं नहीं दिखती। आए दिन हो रहे हादसों में घायलों को एंबुलेंस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है तो पुलिस भी काफी देर तक पहुंच पाती है। इससे कई बार तो घायल उपचार के अभाव में दम तोड़ देते हैं। यमुना एक्सप्रेस वे पर गत एक सप्ताह में ही 17 लोगों की जान जा चुकी हैं।
नोएडा से आगरा तक यमुना एक्सप्रेस वे 165 किमी लंबे सफर में चार जिलों के 16 थाना क्षेत्रों से गुजरता है। इनमें मथुरा जनपद के नौहझील, सुरीर, मांट, राया और बलदेव थाना क्षेत्र शामिल हैं। इस पर सफर करने वालों से अधिक टोल टैक्स वसूला जाता है। एक्सप्रेस वे शुरु होते समय सुरक्षा और सुविधा के नाम पर बड़े बड़े दावे किए गए थे लेकिन समय गुजरने के साथ ही सारे दावे खोखले साबित हुए।
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रफ्तार के सफर में यमुना एक्सप्रेस वे लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन सुविधा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। हादसा हो जाए तो एंबुलेंस घंटो तक नहीं पहुंचती। वहीं यात्रियों से लूट अथवा छिनैती हो जाए तो पुलिस नहीं पहुंचती। सुविधाओं के अभाव में रफ्तार की यह रोड यात्रियों की जिंदगियों को लील रही है। बीते 10 जून से लेकर 16 जून तक ही यमुना एक्सप्रेस वे पर 17 लोगों की जान जा चुकी है। 10 जून को सुरीर क्षेत्र में माइल स्टोन 84 पर तेज गति से आती कार ने 5 लोगों की जिंदगी समाप्त कर दी थी। 14 जून को थाना राया क्षेत्र में माइल स्टोन 110 राया कट पर आगरा से अलीगढ़ की ओर जाती हुई बाइक दुर्घटना में एक युवक ईशू गोयल पुत्र राकेश गोयल अलीगढ़ की मौत हो गई। यह बाइक खड़े भारी वाहन में घुस गई थी।