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कच्चे तेल के दाम में तेजी की संभावना नहीं
ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा के अनुसार इसमें कोई दो राय नहीं कि अरामको पर हुए हमले के बाद से खाड़ी क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है, लेकिन किसी बड़ी फौजी कार्रवाई की संभावना कम है क्योंकि अमरीका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव है ऐसे में अमरीका नहीं चाहेगा कि खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़े। उन्होंने कहा, “मौजूदा परिस्थितियों में तेल के दाम में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है। इस साल दिसंबर तक ब्रेंट क्रूट का भाव 55-65 डॉलर प्रति बैरल के बीच रह सकता है।” पिछले महीने 14 सिंतबर को सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको के तेल संयंत्रों पर हुए ड्रोन हमले के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का दाम तकरीबन 20 फीसदी की तेजी के साथ 71 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया था, जब 28 साल बाद कच्चे तेल में सबसे बड़ी एक दिनी तेजी दर्ज की गई थी।
बढ़ेगा कच्चे तेल का भंडार
हालांकि ऊर्जा विशेषज्ञ बताते हैं कि इतनी बड़ी तेजी की संभावना बहरहाल नहीं है, लेकिन ईरानी टैंकर हमले के साथ-साथ अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक टकराव को सुलझाने की दिशा में हुए प्रयास से तेल के भाव को सपोर्ट मिलेगा। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट एनर्जी व करेंसी रिसर्च अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल के भाव में बीते सप्ताह के आखिरी सत्र में दो फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली और अगले सप्ताह भी तेजी का रुख रहेगा, लेकिन अमरीका में तेल के बढ़ते भंडार से कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है।
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वैश्विक मांग है कम
उन्होंने भी बताया कि ब्रेंट क्रूड का भाव आने वाले दिनों में 58-65 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहेगा जबकि अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट का भाव 50-60 डॉलर प्रति बैरल के बीच रह सकता है। गुप्ता ने कहा कि अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक रिश्ते सुधरने से चीन की तेल की मांग बढ़ेगी जिससे कीमतों में तेजी का रुख रहेगा। उधर, नरेंद्र तनेजा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी की चपेट में रहने से इस समय तेल की वैश्विक मांग कम है, जिससे कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं दिख रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि आगे जाड़े के मौसम में अमरीका में तेल की मांग बढ़ेगी जिससे तेल की कीमतों में तेजी का रुख बना रह सकता है, मगर ज्यादा तेजी की संभावना कम है।
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ये है ब्रेंट क्रूड का भाव
तनेजा ने कहा, “अमरीका में जो तेल के दाम को काबू में रखने में सफल रहता है, वही दोबारा राष्ट्रपति चुना जाता है। इसलिए ट्रंप अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर तेल के दाम को नियंत्रण में रखने की कोशिश करेंगे।” अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड का दिसंबर वायदा अनुबंध 2.64 फीसदी की तेजी के साथ 60.66 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। इस महीने पहली बार ब्रेंट क्रूड का भाव 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बंद हुआ है। वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज पर डब्ल्यूटीआई का नवंबर वायदा अनुबंध 2.48 फीसदी की तेजी के साथ 54.88 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।