चीन से व्यापार बढऩे का यह हाल तब है, जब एक सर्वे के मुताबिक 43 फीसदी भारतीयों ने पिछले एक साल में मेड इन चायना का कोई सामान नहीं खरीदा है। व्यापार में बढ़ोतरी के पीछे कोविड मामलों में तेजी से लडऩे के लिए भारतीय कंपनियों की ओर से चीन के मेडिकल सामान और उपकरणों के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी है। 281 जिलों में सर्वे: लोकल सर्कल्स ने 281 जिलों के 18 हजार लोगों से यह जानने का प्रयास किया कि उन्होंने चीन का सामान खरीदा है या नहीं।
आयात-निर्यात बढ़ा-
इस साल चीन और भारत के बीच व्यापार 48.16 अरब डॉलर हो गया। भारत में चीनी निर्यात जनवरी से मई तक सालाना आधार पर 64.1 प्रतिशत बढ़ा, जबकि आयात में 90.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वहीं चीन से आयात 59.13 प्रतिशत बढ़कर 33.49 अरब डॉलर हो गया, जबकि चीन को निर्यात 46.09 प्रतिशत बढ़कर 10.41 अरब डॉलर हो गया।
घटी चीन की मांग-
सर्वे के मुताबिक, 43 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल में चीन में बनी एक भी चीज नहीं खरीदी है, जबकि 34त्न ने कहा कि उन्होंने 1 या 2 प्रोडक्ट्स खरीदे हैं। वहीं 8 प्रतिशत ने कहा कि 3 से 5 उत्पाद खरीदे हैं। 4 प्रतिशत ऐसे थे, जिन्होंने 5-10 प्रोडक्ट्स खरीदे। वहीं 3 प्रतिशत ने 10-15 उत्पाद खरीदे, जबकि 1 प्रतिशत ने 20 से ज्यादा उत्पाद खरीदे हैं।