बात ये है कि खुद लोन रिकवरी एजेंट्स ( Loan Recovery Agents ) ने उनके जानने वालों को कॉल कर उन्हें शर्मसार करने के लिए ये हरकत की है। आपको बता दें कि अगर आप सोच रहे हैं ये गलत है या ऐसा कैसे हो सकता है तो अगर आप ऐप ( financial app ) के माध्यम से लोन ले रहे हैं या ले चुके हैं तो ये आपके साथ भी हो सकता है।
Loan वसूली के लिए गुंडागर्दी की नहीं होगी इजाजत, RBI ने ARC कंपनियों को दी चेतावनी
दरअसल ऐप ( app ) के माध्यम से लोन के लिए अप्लाई करना बेहद आसान हो रहा है औऱ कोरोना के वक्त में जबकि लोगों के लिए घर से बाहर निकलना मुसीबत को न्यौता देने जैसा है ऐसे में ज्यादातर लोग डिजीटल प्लेटफार्म के माध्यम से ही लोन ले रहे हैं। लेकिन इन ऐप को डाउनलोड करते वक्त ही ये आपके फोनबुक का एक्सेस मांगते हैं जिसे आप आराम से दे देते हैं। जिसकी वजह से लोन देने वाली कंपनियां ऐसे लोन डिफॉल्टर्स से लोन रिकवरी के लिए इस फोनबुक का सहारा ले रही है।
कई लोग इस बात की शिकायत पुलिस से कर चुके हैं तो वहीं कुछ लोग पुलिस द्वारा फोन जब्त किये जाने के कारण ऐसा नहीं कर रहे हैं। लेकिन आपको बता दें कि वित्तीय संस्थाओं की ये गुंडगर्दी अपराध है। Information Technology Act, 2000 के तहत लोन रिकवरी के लिए इस तरह के तरीके अपनाना तो गलत है ही साथ ही ऐप के माध्यम से उनके कॉंटैक्ट को एक्सेस करना निजता में खलल माना जाएगा ।
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले सप्ताह ही भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) ने Asset Reconstruction Company को लोन रिकवरी ( Loan Recovery ) के लिए असभ्य तरीकों से बचने की सलाह दी है। rbi i ने इन कंपनियों को ‘फेयर प्रैक्टिसेज कोड’ अपनाने को कहा है। इस कोड के तहत वसूली के लिए असभ्य और गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल करने पर रोक लगी हुई है। इतना ही नहीं इस कोड के तहत वसूली के तरीकों में पारदर्शिता और निष्पक्षता की बात भी कही जाती है।
इसके साथ RBI ने निर्देश दिये है कि रिकवरी के काम को करने वाले एजेंट्स ( loan Recovery Agents ) को कंपनियां अच्छी तरह से काम के लिए ट्रेनिंग दें ताकि व संवदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारी पूरी कर पाएं । कॉलिंग ऑवर, ग्राहकों की जानकारी की गोपनीयता आदि जैसे पहलुओं के संबंध में भी रिकवरी एजेंट्स ( Recovery Agents ) को संवेदनशील होना चाहिए।