पासवान ने बुधवार को एक ट्वीट के जरिए बताया, “बाजार में दालों की कीमतों पर नियंत्रण रखने और उपलब्धता बढ़ाने के लिए मैंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। सभी राज्य, केंद्रीय बफर स्टॉक ( Central Buffer Stock ) से अपनी जरूरत के मुताबिक दाल मंगाएं और पीडीएस व अन्य माध्यमों से इसका वितरण सुनिश्चित करें ताकि आमलोगों को उचित दर पर दाल मिल सके।”
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गौरतलब है कि देश के प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में इस साल मानसून के आखिर में भारी बारिश होने से खरीफ दलहनों की फसल खराब होने के कारण उड़द और मूंग के दाम में भारी वृद्धि हुई है और अन्य दालों के खुदरा भाव में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उधर, बाजार में इस बात की चर्चा है कि देश में उड़द और मूंग की आपूर्ति कम होने के कारण सरकार खुदरा व थोक विक्रेताओं के लिए इसके भंडारण की सीमा तय कर सकती है। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार को दालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए आयात खोलने पर विचार करना चाहिए।
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मालूम हो कि केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में चार लाख टन तुअर (अरहर), डेढ़ लाख टन उड़द और डेढ़ लाख टन मूंग के आयात की अनुमति दी है। इसके अलावा, डेढ़ लाख टन मटर का आयात करने की अनुमति दी गई है। लेकिन आयात की समय सीमा 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 15 नवंबर 2019 तक की गई थी, वह भी समाप्त हो चुकी है।
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ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि दालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार उड़द और मूंग का कोटा बढ़ाने पर विचार कर सकती है। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को तुअर दाल का खुदरा भाव 98 रुपए प्रति किलो जबकि उड़द दाल 105 रुपए और मूंग दाल 72 रुपए किलो था।