विशेषज्ञों ने दी जानकारी
विशेषज्ञों का मानना है कि सकारात्मक वैश्विक धारणा, आर्थिक वृद्धि के बेहतर होते परिदृश्य, अनुकूल वृहद आर्थिक परिस्थिति तथा रिजर्व बैंक द्वारा नरम रुख अपनाने के कारण फरवरी, 2019 से भारत विदेशी निवेशकों के निवेश पाने वाले शीर्ष देशों में से एक बना हुआ है।
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मार्च में 45,981 करोड़ रुपए लगाए FPI में
अप्रैल से पहले एफपीआई ने घरेलू बाजार (शेयर और ऋण) में मार्च में 45,981 करोड़ रुपए और फरवरी में 11,182 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया था। डिपॉजिटरीज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में एफपीआई ने शेयरों में 21,032.04 करोड़ रुपए लगाए जबकि बांड बाजार से उन्होंने 3,812.94 करोड़ रुपए की निकासी की है।
विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव दी जानकारी
इस तरह वह घरेलू बाजार में इस दौरान 17,219.10 करोड़ रुपए के शुद्ध लिवाल रहे हैं। मॉर्निंगस्टार के शोध प्रबंधक एवं वरिष्ठ शोध विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी की आशंका से कई केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर में बढ़ोतरी की है ताकि सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सके।
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( ये न्यूज एजेंसी से ली गई है। )