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बंबई स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने शेयर बाजार में 3,001.32 करोड़ की लिवाली की। आम बजट में दौलतमंद लोगों पर सरचार्ज और शेयरों के बायबैक पर कर लगाए जाने से निवेशकों का मनोबल टूट गया था और एफपीआई की विकवाली तेज हो गई। विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपने पैसे निकालने लगे थे। हालांकि, एफपीआई पर लगाया गया सरचार्ज वापस लेने के साथ-साथ सरकार के हालिया अन्य कदम से निवशकों को बड़ी राहत मिली है।
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वित्तमंत्री ने शुक्रवार को उन घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 22 फीसदी करने की घोषणा की, जो किसी प्रकार की छूट व प्रोत्साहन का दावा नहीं करती हैं। इसके अलावा इन कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) का भुगतान करने की भी जरूरत नहीं होगी। इस प्रकार इन कंपनियों पर प्रभावी कर की दर 25.17 फीसदी होगी, जिसमें उपकर व सरचार्ज भी शामिल हैं। वहीं, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के हाथों सिक्योरिटी व डेरिवेटिव्स की बिक्री से प्राप्त पूंजीगत लाभ पर सुपर-रिच टैक्स लागू नहीं होगा।