चालू वर्ष 2020 में मार्च-जून के दौरान कृषि निर्यात करीब 23 फीसदी बढक़र 25,552 करोड़ रुपये का रहा। खाद्यान्न, फलों और सब्जियों के शानदार निर्यात के कारण खेती में अच्छे कॅरियर के कई विकल्पों पर गौर किया जा सकता है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में पहली बार कृषि सुधार के ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए एक लाख करोड़ रुपए की वित्तपोषण सुविधा दी गई है। किसान ट्रेनों से भी कृषि एवं ग्रामीण विकास से सम्बद्ध रोजगार छलांगें लगाकर बढ़ता हुआ दिखाई दे सकता है।
कृषि सेक्टर के कोर्स के बाद आधुनिक फार्मिंग, डेयरी, पोल्ट्री, वॉटर रिसोर्स, फॉरेस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग, फ्लोरीकल्चर, हॉर्टीकल्चर, वेटरनरी साइंस, फिशरीज साइंस, ग्रामीण एवं कृषि पर्यवेक्षक, बैंक कृषि अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, एग्रीकल्चर रिसर्च सहित कृषि से सम्बद्ध स्वरोजगार के क्षेत्र में असीमित अवसर हैं।
दसवीं के बाद एग्रीकल्चर, फिजिक्स, केमेस्ट्री के अलावा फिजिक्स, केमेस्ट्री और मेथ्स या फिजिक्स केमेस्ट्री और बायोलॉजी विषय समूह रखने वाले छात्र कृषि के क्षेत्र में चमकीला करियर बना सकते हैं। कहां से करें का कोर्स
देश के विभिन्न कृषि से सम्बद्ध विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कृषि के डिप्लोमा, डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स उपलब्ध हैं। कृषि के विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए 12वीं के बाद केंद्रीय स्तर पर अखिल भारतीय कृषि प्रवेश परीक्षा आयोजित होती हैं। कई प्रदेशों में राज्यस्तरीय कृषि प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है।
बारहवीं उत्तीर्ण छात्रों के लिए कई प्रमुख पाठ्यक्रम हैं। इनमें बीएससी इन एग्रोनॉमी, बीएससी इन एग्रीकल्चरल ईको एंड फार्म मैनेजमेंट, बीएससी इन एग्रीकल्चरल मीटिओरोलॉजी, बीएससी इन एग्रीकल्चरल बायो टेक्नोलॉजी, बीएससी इन एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स, बीएससी इन एग्रोनॉमी, बीएससी इन एग्रीकल्चरल मार्केटिंग एंड बिजनेस मैनेजमेंट खास है।