हमेशा एक बात याद रखें कि आप अपनी कंपनी का नाम बनाने के लिए कितने ही प्रयास करें, वे हमेशा कम ही पडऩे वाले हैं लेकिन ध्यान में रखें कि विज्ञापन ऐसा हो, जो कस्टमर को इस बात का यकीन दिलाए कि प्रॉडक्ट उसके लिए फायदे का है।
अपनी कंपनी की इमेज बनाने के लिए सही माध्यम का चुनाव करें। विज्ञापन के अलग-अलग माध्यम अलग-अलग लक्ष्यों के लिए होते हैं। जैसे डिस्प्ले एड्स जागरूकता के लिए होते हैं, इनसे रेस्पॉन्स नहीं मिलता। मार्केटिंग गोल्स को तय करने में ये चीजें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कस्टमर के दिमाग में किसी कंपनी का लेआउट, कलर और लोगो बड़ी मुश्किल से सेट होता है। ये सब चीजें भी स्टैंडर्ड कॉर्पोरेट मैन्युअल के हिसाब से डिजाइन होती हैं। इसलिए इनमें बार-बार बदलाव न करें, इससे कस्टमर कन्फ्यूज हो सकता है। ग्राहक के मन में अपनी कंपनी की ऐसी छवि तैयार करें, जो लंबे समय तक उसे याद रहे।
कई बार इमोशनल सपोर्ट की कमी भी बर्नआउट का कारण बन जाती है। हो सकता है कि आपके परिवार वाले और दोस्त आपकी स्थिति का आकलन ठीक से नहीं कर पा रहे हों। ऐसे में अपनी जान-पहचान के दूसरे एंटरप्रेन्योर्स का सहयोग लें और उनसे सुझाव मांगें। उनके सुझावों पर अमल करें।
किसी भी एंटरप्रेन्योर के लिए अपने काम से दूर रहना बहुत मुश्किल होता है इसलिए वे दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। अपनी इस आदत को छोड़ें और खुद को एंप्लॉई मानते हुए काम करें। इसलिए हर रोज सुबह काम पर जाने के लिए तैयार हों, काम के तय घंटों में काम करें और उसके बाद अपने परिवार को समय दें या फिर खुद की पसंद का कोई काम करें। इस तरह आपका बर्नआउट आसानी से दूर हो जाएगा।