क्या है कटेहरी की पॉलिटिकल हिस्ट्री
कटेहरी सीट पर साल 2022 में सपा के विधायक लालजी वर्मा चुने गए थे। अब लालजी वर्मा इसी साल हुए लोकसभा के चुनाव में सांसद चुन लिए गए हैं। लाल जी वर्मा ने सांसद चुने जाने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया। इस कारण से विधानसभा की सीट खाली हो गई। इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा तो वहीं BJP ने धर्मराज निषाद और BSP ने अमित वर्मा को टिकट दिया है। अगर 1991 में BJP के अनिल तिवारी, 1993 में बसपा से राम देव वर्मा, 1996 से लेकर 2007 में बसपा से धर्मराज निषाद, 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से शंखलाल मांझी, 2017 के चुनाव में BSP से लालजी वर्मा और आखिर में 2022 में एक बार फिर सपा से लालजी वर्मा विधायक चुने गए। आपको बता दें कि कटेहरी में 4 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं।
क्या है करहल की पॉलिटिकल हिस्ट्री
सपा का अभेद किला कहे जाने वाली सीट करहल से 2022 में अखिलेश यादव विधानसभा सदस्य चुने गए थे। लोकसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव को सांसद चुना गया जिसके बाद अखिलेश यादव ने इस सीट से इस्तीफा दिया था। मैनपुरी की करहल सीट पर भाजपा अब तक कभी भी जीती नहीं है। इस बार सपा ने तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। करहल के पॉलिटिकल इतिहास की बात करें तो 1985 से 1996 तक लगातार पांच बार बाबू लाल यादव यहां से विधायक बने रहे। 2002 से 2017 तक लगातार चार बार सोबरन सिंह यादव विधायक चुने गए। पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने भाजपा के एसपी सिंह बघेल को लगभग सत्तर हजार वोटों से हराया था। करहल विधानसभा में लगभग पौने चार लाख मतदाता हैं।