तेजस्वी की कथनी-करनी में अंतर
सहनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपने बड़े भाई तेजप्रताप का नहीं हुआ, वह बिहार के युवाओं का कैसे हो सकता है। तेजस्वी के कथनी और करनी पर सवाल खड़े करते हुए सहनी ने कहा कि जब बात सीटों की हो चुकी थी, तब उन्हें इसकी घोषणा करने में दिक्कत क्यों हुई। अचानक कहा कि वीआइपी की सीटों की घोषणा बाद में करेंगे। जब यह कहा कि उपमुख्यंमत्री की घोषणा कर दीजिए तो कहा कि यह भी बाद में करेंगे। इसके बाद धोखे का अंदाजा हो गया।
अब यह लालू यादव की पार्टी नहीं रह गई
इससे पहले मुकेश सहनी ने तेजस्वी पर ताबड़तोड़ कई आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी के विचारों से प्रभावित होकर हमने उनसे समझौता किया था और महागठबंधन में शामिल हुए थे। पर अब राजद, लालू प्रसाद यादव जी की पार्टी नहीं रह गई है। तेजस्वी ने हमें लोकसभा चुनाव में भी धोखा था। दरभंगा लोकसभा सीट पर वार्ता हुई थी, लेकिन एक साजिश के तहत हमें खगडय़िा लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे पर मबबूर किया गया। विधानसभा उपचुनाव में भी हमारे साथ छल किया गया, हर मामले में अपनी मनमर्जी करते रहे। हमेशा हमें नजरअंदाज किया गया। जो व्यक्ति एक पार्टी महागठबंधन को बरकरार नहीं रख सकता है, वह बिहार कैसे संभालेगा?
वीआईपी सभी 243 सीटों पर लड़ेगी
सहनी ने कहा कि वे भविष्य में कभी तेजस्वी यादव के साथ राजनीति नहीं करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम अपनी शर्तों पर चुनाव लड़ेंगे। अभी कुछ लोगों से बात चल रही है। फिलहाल हमने पार्टी के सभी पदाधिकारियों के साथ विमर्श के बाद 243 सीटों पर चुनाव लडऩे का निर्णय लिया है। पहली सूची सोमवार, 5 अक्टूबर को जारी की जाएगी।