बिहार के लिए घोषणाओं का पिटारा
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार इतनी बड़ी राशि का निवेश सरकार पशुपालन, मत्स्य और डेयरी क्षेत्र में कर (Package for Bihar ) रही है। देश में पहली बार अलग से मंत्रालय बनाया गया है। लक्ष्य यह भी है कि आने वाले तीन-चार वर्षों में मछली निर्यात को दोगुना किया जाए। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। गो-पालकों और मछली उत्पादकों से बात करने के बाद मुझे नई ऊर्जा मिली है। इससे पूर्व उन्होंने पटना, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनंगज, सीतामढ़ी, समस्तीपुर और बेगूसराय जिले के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की। सौगातों का यह सिलसिला दिनों के अंतराल के साथ 2& सितंबर तक चलेगा।
खांटी भोजपुरी अंदाज से लुभाया
बिहार के लोगों को संबोधित करने की बारी आई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंदाज खांटी भोजपुरी हो गया। कहा कि रउआ सभे के प्रणाम बा, देसवा खातिर, गांव और व्यवस्था मजबूत करे खातिर, मछली पालन करे खातिर। सैकड़ों करोड़ रुपये की योजना शुभारंभ भईल ह। हमार गांव 21वीं सदी के भारत, आत्मनिर्भर बिहार की ताकत बने। ऊर्जा बने। श्वेत क्रांति यानी दूध उत्पादन, नीली क्रांति यानी मछली उत्पादन और मधु क्रांति खातिर प्रधानमंत्री संपदा योजना बनावल गइल बा। मेरी बात को लिख लीजिए कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में भविष्य उ”वल है। इसी के साथ उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले बिहार को सौगात देने का सिलसिला शुरू कर दिया।
ग्रामीणों की सराहना
ग्रामीणों के परिश्रम की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना कल में जब सारे काम बंद थे, तब भी गांवों से मंडियों तक दूध-दही, सब्जी-फल, अनाज आदि की आपूर्ति होती रही। बिहार के 75 लाख किसान पशुपालन, मत्स्य और डेयरी उद्योग से जुड़े हुए हैं। उनके बैंक खाते में छह हजार करोड़ रुपये जमा हुए हैं। ऐसे ही अनेक प्रयासों के कारण गांवों पर वैश्विक महामारी का असर नहीं पड़ा। कोरोना के साथ बाढ़ की विभीषिका का भी सामना करने में हम सफल हुए हैं। बिहार के हर जरूरतमंद तक लाभ पहुंचाने के लिए मुफ्त राशन योजना को बढ़ा दिया गया है। बिहार अब उत्तम देसी नस्लों के पशुओं के विकास का केंद्र बन रहा है। डेयरी क्षेत्र में बिहार की स्थिति मजबूत होने वाली है। पूर्णिया में बना सेंटर देश के एक प्रमुख सेंटर है। पूर्वी भारत को इसका सर्वाधिक लाभ मिलेगा। देसी पशुओं के संरक्षण को और बढ़ाया मिलेगा।
नीतिश की पीठ थपथपाई
बिहार में विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पीठ थपथपाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चार-पांच साल पहले तक सिर्फ दो फीसद घरों के लोगों को स्व’छ पेयजल मिलता था। वर्तमान में यह आंकड़ा 70 फीसद हो गया है। बिहार के 60 लाख घरों को नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। गंगा डॉल्फिन योजना से नीतीश बाबूजी उत्साहित हैं। इससे गंगा स्व’छता अभियान को बल मिलेगा।